छग में TSX रिफण्ड का फर्जी खेल,KORBA भी पीछे नहीं,ED की टीम कर रही करोड़ों की छानबीन
रायपुर/मनेन्द्रगढ़/कोरबा। सार्वजनिक क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों के नाम पर टैक्स रिटर्न के जरिए फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिन क्षेत्रों में एसईसीएल के उपक्रम और खदान संचालित हैं, वहां इसकी बहुतायत देखी जा रही है। कोरबा जिला भी इससे अछूता नहीं है और यहां भी करोड़ों रुपए का फर्जी टैक्स रिटर्न का खेल खेला जा रहा है। हालांकि कोरबा में कुछ साल पहले इस तरह के फर्जीवाड़ा का खुलासा टैक्स बार एसोसिएशन की एक शिकायत पर हुआ था और तीन लोगों को जेल का रास्ता भी दिखाया गया था। इसके बाद से इस तरह 50-50 का खेल फिर से शुरू जरूर हुआ है लेकिन किसी तरह की कार्रवाई और जांच पड़ताल देखने को नहीं मिल रही है। इसी तरह के फर्जी मामले का खुलासा मनेंद्रगढ़ में हुआ है। इसके तार चेन्नई और बैंगलोर से जुड़े होने की बात भी सामने आई है।
रायपुर से आई आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय की टीम जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में एक कर सलाहकार के यहां पिछले 2 दिन से कार्रवाई कर रही है। बताया जाता है कि जांच में चौंकाने वाले रिफंड की जानकारी मिली है। जांच अभी भी चल रही है। यह जांच करोड़ों में चली गई है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी कर सलाहकार के यहां आयकर की टीम पहुंची है। एमसीबी जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में निवासरत कर सलाहकार मनीष कुमार गुप्ता उर्फ महेंद्र के निवास में बुधवार को जब टीम पहुंची तो हड़कंप मच गया। जानकारी मिल रही है कि टीम ने यह पाया है कि उक्त कर सलाहकार द्वारा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर एसईसीएल कर्मचारियों की फर्जी रिटर्न दाखिल किया है। उपरोक्त रिटर्न में अधिक छूट वाले कॉलम को भरकर भारी मात्रा में रिफंड मंगवाया है। उपरोक्त राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में जमा हुई है। रिफंड की राशि में कर सलाहकार द्वारा 40 से 50 प्रतिशत कमीशन लिया गया है। विभाग ने जांच के दौरान पाया कि रिटर्न में मांगा गया रिफंड फर्जी था। जांच के तहत सॉफ्टवेयर के नाम पर संचालित कर सलाहकार के कंप्यूटर को जब्त कर लिया है। वहीं चिरमिरी में आयकर विभाग की टीम बुधवार सुबह से गुरुवार देर शाम तक गोदरीपारा रीजनल अस्पताल के सामने संचालित महामाया कम्युनिकेशन में जांच करती रही। इस दौरान विभागीय टीम ने जांच के लिए कुछ एसईसीएल के कर्मचारियों को भी तलब किया। इसी तरह मनेंद्रगढ़ के आयकर सलाहकार से भी विभागीय टीम पूछताछ करती रही।
0 आईपी एड्रेस से पता चला एक जगह से रिटर्न भर रहे
8 से 10 साल से लगातार शिकायत मिलने पर आईटी की टीम एमसीवी जिला पहुंच जांच शुरू की।एसईसीएल, विजिलेंस व आईपी एड्रेस से पता चला कि आईटीआर एक ही जगह से भरे जा रहे हैं, जिसके बाद विभागीय टीम जांच में जुटी है। रायपुर से पहुंची टीम के अफसरों ने फिलहाल मामले में कुछ कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि 1-2 दिन में मामले का खुलासा करेंगे।