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जटगा उपार्जन केन्द्र में धान खरीदी में गड़बड़ी ?

0 17 क्विंटल प्रति एकड़ के दर पर धान खरीदी की बात कर मंडी प्रबंधन द्वारा किसान को लगा रहे चूना
0 पोल खुलते देख मंडी प्रबंधक द्वारा मीडिया कर्मी से दुर्व्यवहार

कोरबा। कोरबा जिले के साथ साथ पूरे छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है , लगातार किसान धान खरीदी केंद्रों का रुख कर रहे है साथ ही कोरबा जिले के अलग अलग स्थानों में धान खरीदी को लेकर उपार्जन केन्द्र खोले भी गए है । लेकिन कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड स्थित कुछ उपार्जन केन्द्र में धान खरीदी में गड़बड़ी की जनकारी किसानों द्वारा मिलनी शुरू हो गई है ।
जहां प्रशासनिक सक्रियता पूर्वक मंडी में धान खरीदी की घोषणा शासन किसानों से कर रही है वही कुछ उपार्जन केन्द्र के प्रबंधन में संलग्न कर्मचारियों की गड़बड़ी की जानकारी भी सामने आ रही है ।
जटगा क्षेत्र के कुछ लोगों से मिली जानकारी अनुसार जटगा धान मंडी में बीहड़ वनांचल क्षेत्र के किसान से जटगा उपार्जन केन्द्र के मंडी प्रबंधक नारायण सिंह मरकाम और ऑपरेटर द्वारा किसान से 17 क्विंटल प्रति एकड़ के दर से ऑफलाइन धान खरीदी की जानकारी मीडिया कर्मी को मिली , जिस पर पुख्ता जानकारी इक्कठा करने के उद्देश्य से संवाददाता द्वारा जटगा धान मंडी में धान बेचने आए कुछ किसानों से कवरेज कर पूछा गया तो एक किसान के द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा गया की शासन के द्वारा तो 21 क्विंटल प्रति एकड़ के दर से धान खरीदी की घोषणा कर दिया गया है परंतु जटगा धान मंडी में ऑपरेटर द्वारा कहा गया 17 क्विंटल प्रति एकड़ से धान आपका ऑफलाइन खरीदा जायेगा । धान मंडी के कर्मचारियों से इस तरह गोलमाल जानकारी से और जटगा धान मंडी के सिस्टम से नाराज किसान ने संवाददाता को स्पष्ट यह बात बताया। इस तरह किसान के द्वारा जानकारी बताने पर इस संबंध में मंडी प्रबंधक नारायण सिंह मरकाम से पूछने पर ठीक से जानकारी ना देकर उल्टा मीडिया कर्मी ऊपर ही अभद्रता पूर्ण व्यवहार और गली गलौच किया गया , किसानो से धान खरीदी संबंधी जानकारी पूछताछ से बौखलाए धान मंडी प्रबंधक नारायण सिंह मरकाम ने धमकाते हुए मीडिया कर्मी को धान मंडी से बाहर निकलने को कहा ।
धान मंडी प्रबंधक के इस तरह से बर्ताव से यह स्पष्ट पता चलता है कि वनांचल क्षेत्र के भोले भाले किसानों को उपार्जन केन्द्र जटगा के मंडी प्रबंधक और कर्मचारियों द्वारा शासन के नियमों को दरकिनार कर अवैधानिक रूप से धान खरीदी किया जाना स्पष्ट पता चलता है किसानों को ठगने और चूना लगाने की जानकारी खुलने के डर से मीडिया कर्मी पर अभद्रता पूर्ण व्यवहार कर मीडिया कवरेज करने से रोकना जटगा उपार्जन केन्द्र में भारी गड़बड़ी संकेत ही समझा जा सकता है ।

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