कोरबा। बस्तर के जुझारू पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला कोरबा के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने कड़ी निंदा करते हुए इसे राजनेताओं, अधिकारियों और माफियाओं के गठजोड़ का नतीजा बताया है।
सीपीआई ने इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने इस हत्या को जनपक्षधर पत्रकारिता पर हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुकेश चंद्राकर ने बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे अन्याय, फर्जी गिरफ्तारियों और फर्जी मुठभेड़ों जैसे मुद्दों को उजागर किया था। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों को कॉरपोरेट्स के हवाले करने की साजिशों और माओवादियों के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार का भी पर्दाफाश किया था।
हालिया रिपोर्टिंग में उन्होंने गंगालूर से लेकर मिरतुल तक सड़क निर्माण की घटिया गुणवत्ता को उजागर किया था। इस रिपोर्टिंग के बाद भ्रष्टाचार की पोल खुली, लेकिन किसी भी दोषी पर कार्रवाई नहीं हुई। सीपीआई ने आरोप लगाया है कि यह हत्या राजनेताओं और माफियाओं के बीच सांठगांठ और भ्रष्टाचार के खेल का परिणाम है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सीबीआई जांच के जरिए इस गठजोड़ और इसके पीछे के माफियाओं को बेनकाब करने की मांग की है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद ने मुकेश चंद्राकर को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना का इजहार किया है।