0 उपभोक्ता आयोग ने लगाया जुर्माना,दी गई हिदायत
कोरबा। मामले में पीड़ित सूर्यकांत शर्मा पिता ओम प्रकाश शर्मा निवासी कोरबा रोड कटघोरा, कॉलेज के पास ने अपने अधिवक्ता शिवचरण चौहान अधिवक्ता के माध्यम से मेसर्स प्रबंधक रिलायंस रिटेल लिमिटेड, स्मार्ट बाजार पता- पॉम मॉल, नीचे तल, ट्रान्सपोर्ट नगर व मेसर्स रिलायंस रिटेल लिमिटेड, तृतीय तल कोर्ट हाउस एल.टी मार्ग धोबी तलाओ महाराष्ट्र, मुंबई के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत किया था।
परिवादी सूर्यकांत शर्मा रिलायंस रिटेल लिमिटेड, स्मार्ट बाजार पॉम मॉल से 21 जुलाई।2024 को एक पेंट एवं शर्ट खरीदने गया तब उसे विरोधीपक्षकारगण द्वारा एक पेंट (टाउचर) जिसका मूल्य 799/- रू. और एक शर्ट जिसका स्पेशल ऑफर में मूल्य 599/- रू. चस्पित ग्राहको के लिए देखने के लिए मूल्य एवं स्पेशल ऑफर मूल्य तैयार किया गया था। सूर्यकांत ने दोनों का कुल 1598/- रू. तुरंत भुगतान किया तथा 200/- रू. को परिवादी के मोबाईल रिडीम पॉईट शेष था उसके माध्यम से भुगतान किया गया। कुल 1598/- रू. परिवादी के द्वारा भुगतान कर दिया जब परिवादी ने पुनः देखा कि शर्ट का ऑफर मूल्य 599/- रू. के बदले 799/- रू. का ईन्वाइस बनाकर भुगतान करा लिया गया तब परिवादी ने विरोधीपक्षकार से कहा कि आपके द्वारा शर्ट का ऑफर मूल्य 599/- रू. बताया गया (विज्ञापन किया) था जिसका ऑफर मूल्य का स्टीकर भी शर्ट पर चिपकाया गया है। विरोधीपक्षकार ने परिवादी ग्राहक के साथ दुर्व्यवहार किया तब परिवादी ने शर्ट को तुरंत वापस कर दिया और उसके एवज मे ली गई राशि 799/- रू. मे.से पूर्व में शेष मोबाईल रिडीम पॉईट से भुगतान की राशि 200/- रू. को छोड़कर शेष 599/-रू. को वापस मांगा गया परंतु उक्त राशि को भुगतान नही किया गया और उक्त राशि को परिवादी के बिना सहमति के मोबाईल रिडीम पॉईट में डाल दिया गया और कहा गया कि राशि 799/- रू. तुम्हारे मोबाईल मे रिडीम पॉईट में जमा कर दिये हैं, तुम हमारे रिलायंस स्मार्ट बजार से सामान खरीद सकते हैं।
उसके द्वारा व्यवसायिक कदाचरण करते हुए उसके वापस की गई शर्ट के मूल्य को वापस न करते हुए दोबारा अपने ही दुकान में लेन-देन करने के लिए परिवादी को बाध्य किया जा रहा है। शर्ट में चस्पित स्टीकर मे एम.आर.पी. को काटकर उसके स्थान पर स्पेशल ऑफर का मूल्य चिपका कर ग्राहक परिवादी को भ्रमित कर मिथ्या विज्ञापन किया गया है जो कि अधिनियम की धारा 89 के परिधी में आता है। अनेकों निवेदन पर भी रुपये वापस न कर उसे उक्त राशि के एवज में अपने संस्थान मे वस्तु खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है।
0 अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी का माना आयोग ने
सूर्यकांत द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कोरबा की अध्यक्ष रंजना दत्ता व सदस्य पंकज कुमार देवड़ा ने कहा कि
विरोधीपक्षकार का यह दायित्व था कि वह अपनी गलती में सुधार करते हुए परिवादी को उक्त राशि ऑनलाईन / नगद माध्यम से प्रदान करें। रिलायंस रिटेल स्मार्ट बाजार के द्वारा ग्राहक से अधिक राशि प्राप्त करना एवं वस्तु के वापस किये जाने पर वस्तु की कीमत को वापस न करते हुए उसे अपने सुविधानुसार उनके द्वारा जारी कार्ड के पाइंट में परिवर्तित कर परिवादी के प्रति मनमाना रवैया अपनाया गया है जो कि अनुचित व्यापारिक व्यवहार की श्रेणी का कृत्य है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत परिवादी ने अपना परिवाद पत्र आंशिक प्रमाणित किया। इस आधार पर विरोधी पक्षकारगण के विरुद्ध के विरूद्ध धारा 39 (1) (ग), (घ), (छ) के प्रावधानों के तहत् निम्न निर्देशयुक्त्त आदेश पारित किया जाता है:-
- विरोधी पक्षकार क्र..-01(रिलायंस रिटेल स्मार्ट बाजार कोरबा) परिवादी को टी-शर्ट की का मूल्य 599/- रू. मोबाईल रिडीम पॉईंट से वापस लेकर नगद अथवा ऑनलाईन के माध्यम से आदेश दिनांक से 30 दिनों के भीतर भुगतान करेंगे।
- विरोधी पक्षकार कं.-01, परिवादी को मानसिक एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि 3,000/- (अक्षरी तीन हजार रूपये) आदेश दिनांक से 30 दिनों के भीतर प्रदान करेगा।
- विरोधी पक्षकार कं.0-1 परिवादी को वाद व्यय के रूप में 2,000/- (अक्षरी दो हजार रूपये) आदेश दिनांक से 30 दिनों के भीतर प्रदान करेगा।
- विरोधी पक्षकार कं.01 द्वारा सभी आदेशित राशियों का भुगतान परिवादी को आदेश दिनांक से 30 दिनों के भीतर करेगा, ऐसा न करने पर आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज आदेशित राशि पर भुगतान करना होगा।
- विरोधी पक्षकार को निर्देशित किया जाता है कि वे भविष्य में इस प्रकार के अनुचित व्यापारिक व्यवहार की पुनरावृत्ति नहीं करेंगे।