0 एक जिले में दो तरह के आदेश,एक में दी गई राहत
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वे कराया जा रहा है। उक्त कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह कार्य उन BLO के द्वारा कराया जा रहा है जो भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अभी मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में लगे हुए हैं। BLO को इस कार्य के लिए घर-घर जाना है और निर्देश है कि घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करने के साथ-साथ ओबीसी परिवारों का सर्वे भी प्रपत्र में निर्धारित 53 बिंदुओं में ENTRI करें। बूथ लेवल अधिकारी का काम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से लेकर शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम सहित विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारी के द्वारा किया जा रहा है। निर्देश दिया है कि अपना विभागीय मूल कार्य करते हुए कार्य अवधि के पश्चात मतदाता सूची का सत्यापन और ओबीसी का सर्वे कार्य करना है, जिसे लेकर कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतों से अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। कोरबा जिले में एकमात्र दीपका तहसीलदार (कटघोरा अनुविभाग) ने अपने क्षेत्र के बीएलओ को मूल कार्य से मुक्त करते हुए ओबीसी सर्वे के महत्वपूर्ण कार्य का निष्पादन में सहयोग हेतु आदेश जारी किया है लेकिन जिले में ऐसा दूसरा कोई भी आदेश किसी भी सक्षम अधिकारी ने जारी नहीं किया है। एक जिले में दो तरह के निर्देश हैं। ऐसे में बीएलओ को न सिर्फ कार्य क्षेत्र संबंधी दिक्कत आ रही है बल्कि पारिवारिक और व्यावहारिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है तथा मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। बीच-बीच में विभाग द्वारा सर्वे कार्य निरंक होने की सूचना दी जा रही है और निर्वाचन शाखा से लेकर नगर निगम के द्वारा संबंधित बीएलओ को कार्रवाई के लिए तैयार रहने कहा जा रहा है। ऐसे में कई BLO हैं जो कई तरह दिक्कतें झेल रहे हैं जैसे किसी की तबीयत खराब है तो किसी के परिवार में कोई बीमार है तो कोई इस कार्य के बोझ को सह नहीं पा रहा है और अपना कारण बताते हुए BLO का कार्य ही छोड़ देने, इससे मुक्त करने के संबंध में आवेदन पर आवेदन दिए जा रहे हैं। निर्वाचन विभाग के लिए भी समस्या आ पड़ी है कि वह BLO को कार्य मुक्त करते हुए उनके जगह पर नई पदस्थापना करें लेकिन जिन्हें नई पदस्थापना मिल रही है उनके साथ भी निवास से लेकर कार्यस्थल और मतदान क्षेत्र की दूरी अलग-अलग होने के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। 3 सितंबर को दिए गए प्रशिक्षण और प्रपत्र वितरण के दिन से ही यह मांग रही है कि मूल कार्य से पृथक रखा जाए तो वह उस अवधि में दिए गए अतिरिक्त दायित्व का निर्वहन बखूबी कर सकेंगे लेकिन ऐसी कोई राहत मिलती दिख नहीं रही है जिससे निराशा और कुंठा का भाव मन में उत्पन्न हो रहा है साथ ही निर्धारित समय पर सर्वे पूर्ण होने को लेकर संशय है।
