“लाडली” की मौत के बाद पूरे गाँव में कराया मृत्युभोज
हरियाणा के चरखीदादरी में एक भैंस की मौत के बाद मालिक ने पूरे गांव को मृत्युभोज दिया। भोज में देशी घी से बना लजीज खाना खिलाया गया। परिवार का कहना था कि हमारी 3 पीढ़ियों ने इस भैंस का दूध पिया। इसके आने के बाद परिवार मालामाल हुआ। हमने मृत्युभोज के जरिए इसका कर्ज लौटाने की कोशिश की।
चरखी गांव के पशुपालक सुखबीर ने बताया कि उनके पिता रिसाल सिंह के समय भैंस घर में जन्मी। अब 29 साल के बाद भैंस की मौत हुई है। भैंस परिवार के लिए लक्की साबित हुई। सब उसे परिवार का सदस्य ही मानते थे। इसलिए उसके क्रियाकर्म की अंतिम रस्में भी निभाईं गई।

भैंस की मौत पर पशुपालक ने देसी घी से बने पकवान ग्रामीणों को खिलाए। सुखबीर ने कहा कि इस भैंस की वजह से हमारी पीढ़ियों के बच्चे, जवान और बुजुर्गों ने दूध पिया। इसके अलावा हमें उसकी वजह से कमाई भी हुई। जिसमें दूध के साथ उससे हुई कटिया को तैयार कर आगे बेचने में मुनाफा हुआ।
सुखबीर ने बताया कि इस भैंस को वह लाडली कहते थे। इसने 24 बार कटिया को जन्म देकर रिकॉर्ड बनाया। यह कटिया आज भी चरखी गांव के ही पशुपालकों के पास हैं जो उन्हें भी अच्छा दूध दे रही हैं।