सहकारी बैंक में 500 रुपये कटौती,पूरी रकम छोड़ आया किसान, कमीशनखोरी की शिकायत
0 बैंक कर्मियों पर आरोप,किसान पुत्र ने की शिकायत,शाखा प्रबंधक ने यह कहा…..
कोरबा। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर की कोरबा शाखा में कमीशनखोरी की शिकायत कलेक्टर से की गई है। बैंक में पदस्थ कैशियर मैडम के विरूद्ध शिकायत कर एफआईआर एवं बर्खास्त करने का आग्रह किया गया है।
शिकायत कर्ता शिवनाथ सिंह कंवर, पिता श्री बुधनाथ सिंह कंवर, ग्राम अखरापाली तहसील दीपका, थाना हरदीबाजार ब्लॉक कटघोरा, जिला कोरबा छ.ग. का निवासी है। उसने बताया कि दिनांक 02.01.2024 दिन मंगलवार को अपने पिता बुधनाथ सिंह कंवर पिता चमरू सिंह कंवर को लेकर कोरबा जिला सहकारी बैंक में पैसा निकालने के लिये गया था। बैंक में भीडभाड में भी लाईन में खड़ा था। 11 बजे से लाईन में लगते हुये शाम को 4 बज गया तो 4 बजे पिता का नंबर आया तो गेट को बंद कर दिया गया और बैंक का कर्मचारी गौतम बोला की बैंक अब बंद होगा, सारे किसान अपने अपने पासबुक मुझे दो। सारे किसान लाईन से बैंक का पासबुक गौतम को दे दिये और गौतम द्वारा बैंक के कैशियर मैडम के पास जमा कर दिया गया। 4 बजकर 7 मिनट में पिता का नाम आया कैशियर के पास गये तो विड्रॉल फार्म में साईन करके दे दिया कि मुझे प्राप्त हुआ है। मैं उसका लड़का हूं शिवनाथ ऐसा लिखकर फार्म में दिया। फिर केशियर ने पूछा किस चीज का पैसा है, तो पिता ने धान का पैसा बताया व 45,000/- (पैतालीस हजार रूपयें) निकाल रहा हूं बताया। धान का पावती मेडम के द्वारा मांगा गया फिर धान का पावती दिया गया, तो केशियर 44,500/- रूपयें दे रही थी 500 रूपयें काटकर। शिवनाथ ने बोला पूरा पैसा चाहिए तो केशियर बोली कि ऐसा नही होगा। कलेक्टर से शिकायत की बात पर कैशियर बोली कि जाओ कौन क्या करेगा, जो कुछ करना है तुम कर लो। शिवनाथ के पिता का पासबुक केशियर के पास है। और खाली हाथ 4.30 बजे पिता-पुत्र अपने घर आ गए।
0 500 से 1000 लेने का आरोप
शिवनाथ का आरोप है कि बैंक में जितने कर्मचारी हैं, सब पैसा लेते हैं। पैसा दो तो जल्दी मिलेगा लाईन लगना नही पड़ेगा। 50,000/- हजार में 1000/- रूपये लेते हैं। जो लाईन में खड़े होते हैं उस किसान को बैंक के कर्मचारी कोई महत्व नहीं देते हैं। जिस किसान से 500 से 1000 रू.लेते हैं उनको लाईन लगना नही पड़ता है। हर बार शिवनाथ के पिता से 500 रू. तो कभी 1000 रूपये ले लेते हैं और नहीं देने पर 3 से 4 बार बैंक का चक्कर काटना पड़ता है।
0 शाखा प्रबंधक ने कहा, नहीं मिली कोई शिकायत
इस मामले के संबंध में शाखा प्रबंधक श्रीमती सरिता पाठक का कहना है कि बैंक में किसी भी कर्मचारी के द्वारा रुपए मांगने के संबंध में उन्हें कोई भी शिकायत किसी भी किसान के द्वारा नहीं की गई है। एहतियात के तौर पर बैंक में तीन-चार स्थान पर लिखकर चिपकाया गया है कि किसी भी कर्मचारी को पैसे न दिए जाएं और यदि कोई इसकी मांग करता है तो सीधे शाखा प्रबंधक से शिकायत किया जाए। इसके बाद भी कोई शिकायत मुझ तक नहीं पहुंची है। जहां तक बात बुधराम के पैसे की है तो उसे भुगतान के समय धान की पावती दिखाने कहा गया था लेकिन वह दिखाने से मना कर दिया। उनके काटे गए 500 रुपये को दिए जाने पर नहीं लिया तो उनके बैंक खाता में जमा कर दिया गया है। श्रीमती पाठक ने बताया कि किसानों द्वारा धान बिक्री करने के समय सहकारी समितियां से लिए गए ऋण की वसूली की जाकर रुपए भुगतान करना होता है, और बेचे गए धान की कीमत, ऋण की अदायगी व अंतर की राशि का उल्लेख पावती में होता है इसलिये दिखाने कहा जाता है। कई किसान पुराना ऋण भुगतान नहीं करते और ऐसे में दिक्कत होती है इसलिए किसानों को बैंक से भुगतान करते वक्त पावती मांगा जाता है लेकिन इस मामले में किसान ने पावती भी नहीं दिखाया और रुपए लेनदेन संबंधी किसी तरह की शिकायत भी उनसे नहीं की है।