0 पति अभिषेक को मिली है 3 वर्ष की सजा,जिस निकिता के कारण हुई घटना वही बन रही उसकी दुल्हन
कोरबा। कोरबा शहर के एमपी नगर कॉलोनी में घटित हुए चर्चित और संदेहास्पद मामले में नवब्याहता अंकिता सिंह की मौत के लिए उसके पति अभिषेक सिंह को न्यायालय ने गुनहगार ठहराया। सजायाफ्ता अभिषेक सिंह का जिस युवती निकिता श्रीवास्तव के साथ प्रेम संबंध होने को लेकर प्रताड़ना झेल रही अंकिता ने अपनी जान दी,उसी के साथ अभिषेक का रिश्ता तय हुआ है।
जिस निकिता के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं होने का दावा अभिषेक सिंह और उसके परिजन करते रहे,उसी निकिता के साथ अभिषेक 4-5 दिसंबर 2024 को विवाह बंधन में बंधने जा रहा है। कोरबा जिले से दूर राजधानी रायपुर में दोनों का विवाह समारोह तय किया गया है। इसकी खबर आम होते ही शहर व एमपी नगर कॉलोनी में एकबारगी यह चर्चा है कि आखिर जिस गुनाह को छुपाते रहे, वही फिर से उजागर हो गया। इस पूरे मामले में निकिता श्रीवास्तव को पूरे अपराध से बाहर निकालनेऔर बचाने के लिए पूरे मामले से परिजन पल्ला झाड़ते रहे। येन-केन-प्रकारेण धनबल के जरिए इसमें कामयाब भी हो गए लेकिन गुनाह तो गुनाह है,कभी न कभी अपने हिसाब से उजागर होगा ही।
मृतका अंकिता सिंह के परिजन बार-बार कहते रहे कि अभिषेक के साथ निकिता के विवाह पूर्व प्रेम संबंध और दहेज के लालच में इस प्रेम संबंध को छिपाते हुए और अभिषेक सहित उसके पिता आरपी सिंह, माता और अन्य को जानकारी होते हुए भी विवाह किया गया, विवाह के बाद भी अभिषेक का संबंध निकिता से जारी रहा और फलस्वरूप प्रताड़ित हो रही अंकिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। हालांकि उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने प्रकरण से निकिता को पृथक कर दिया जिससे उस पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ। दूसरी तरफ कोरबा के न्यायालय में विचाराधीन इस प्रकरण में 23 जुलाई 2024 को दिए गए फैसले में न्यायाधीश ने अंकिता सिंह द्वारा आत्महत्या का आधार अभिषेक सिंह का निकिता श्रीवास्तव से विवाह पूर्व तथा विवाह पश्चात् प्रेम संबंध के आधार पर मानसिक प्रताड़ना लेख करते हुए सबंन्धो में खटास और अंततः इन्हीं कारणों से अभियुक्त अभिषेक सिंह द्वारा अंकिता सिंह को मानसिक रूप से क्रूरता कारित किया जाना जिससे धारा 498ए के आरोप में दोषसिद्धी हेतु आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है,लेख कर अभिषेक को 3 वर्ष के कारावास और अर्थदण्ड से दंडित किया।
0 हाईकोर्ट में विचाराधीन है मामला
इस मामले को अंकिता सिंह के परिजन ने हाईकोर्ट में विचारण हेतु अपील प्रस्तुत किया है जिस पर प्रकरण पंजीकृत हो चुका है। इस प्रकरण में निकिता भी पार्टी बनाई गई है, अभिषेक सिंह और उसके परिजन भी अनावेदक हैं जिनके खिलाफ अंकिता सिंह के पिता दिनेश सिंह ने प्रकरण प्रस्तुत किया है। प्रकरण के विचाराधीन रहने के दौरान ही यह दोनों विवाह बंधन में बंध रहे हैं। इससे उस संदेह को पुष्टि मिली है जिसे शुरू से अंकिता के परिजन पुष्ट करने के लिए जद्दोजहद करते रहे कि निकिता व अभिषेक सिंह के मध्य प्रेम सम्बन्ध की पूरे परिवार को जानकारी थी, फिर भी अंकिता से रिश्ता तय किया और अंकिता दुराशय की भेंट चढ़ गई। हालांकि दूसरा पक्ष भी अपने को बेगुनाह बताने हाईकोर्ट की शरण में है।
स्व.अंकिता के पिता ने यह सारी जानकारी देते हुए भरे गले से कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा,उन्हें कानून पर पूरा विश्वास है। उनकी बेटी की जिंदगी आरपी सिंह, उनकी पत्नी और पुत्र अभिषेक सिंह सहित निकिता और उनके परिजन ने जानते हुए बर्बाद कर दी। बेटी आज इस दुनिया में नहीं है जिसके लिए ये सभी दोषी हैं और आज चोरी-छिपे ये रिश्ता जो तय किये हैं,वही पहले किये होते तो मेरी बेटी इनके जाल में न फंसती, आज जिंदा होती।