0 दर्री, जवाली, पाली, सिरमिना और पोड़ी-उपरोड़ा मंडल में कौन…?
कोरबा। भारतीय जनता पार्टी जिला कोरबा के विधानसभा रामपुर, कोरबा, कटघोरा,पाली-तानाखार के अंतर्गत कुल 24 मंडलों में से 20 मंडलों में नए अध्यक्ष की घोषणा 19 दिसम्बर 2024 को की गई।
जिला चुनाव अधिकारी राजा पांडेय के मार्गदर्शन में मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई लेकिन दर्री, जवाली, पाली और पोड़ी- उपरोड़ा मंडल को नए अध्यक्ष का आज भी इंतजार है। इनमें सिरमिना में अध्यक्ष (पूर्व चोटिया मण्डल अध्यक्ष) रवि मरकाम को बनाये जाने से रिपीट नहीं होने के फार्मूले के कारण रवि मरकाम की नियुक्ति निरस्त कर दी गई जिससे यह मण्डल भी अध्यक्ष रिक्त हो गया है।
जिला भाजपा का नया अध्यक्ष संगठन ने मनोज शर्मा को नियुक्त कर दिया है और निकायों से लेकर जनपदों व पंचायतों में आरक्षण का इंतजार खत्म होने वाला है, ऐसे में शेष मंडलों में अध्यक्ष का चयन समय पर पूरा करना होगा।
अनुभव के साथ जातिगत समीकरणों को भी मण्डल अध्यक्ष चयन में प्रमुख रखा गया है। बात करें पाली मण्डल की तो यहां आदिवासी, पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ एससी सदस्य भी अच्छी संख्या में हैं। एससी वर्ग से अध्यक्ष बनाने की बात कार्यकर्ताओं के बीच से उठी है। इस वर्ग से प्रमुख दावेदार मण्डल महामंत्री का दायित्व सम्भाल रहे विवेक कौशिक हैं। बताया जा रहा है कि इनका नाम फाइनल भी हो चुका है व सूची राजधानी जा चुकी है लेकिन घोषणा में विलम्ब है। दूसरी तरफ पाली मण्डल में ही तारकेश्वर पटवा की भी प्रबल दावेदारी है और चन्द्रशेखर पटेल (छोटू) भी इस दौड़ में शामिल हैं। अगर बात अभी तक घोषित हो चुके हैं नाम की करें तो उसमें से एक भी नाम एससी वर्ग से नहीं है जिसे मंडल अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया हो, तो कहीं इस वर्ग की उपेक्षा न हो जाय और इस वर्ग से एक नाम पाली तो दूसरा दर्री में है।
इसी तरह सिरमिना में नया नाम तलाशा जाना है तो जवाली में नया मण्डल असंगठित होने का पेंच फंसा है। दर्री और पोड़ी-उपरोडा में भी नाम लगभग तय हो चुके हैं किंतु घोषणा रोक कर रखी गई है। इन मंडलों में कुछ और नाम दौड़ में शामिल हैं जिनमें से किसी एक की घोषणा की जानी है। हालांकि इन मंडलों से भी पात्र घोषित नाम निकल चुके हैं लेकिन घोषणा शेष हैं। वैसे जवाली व अब सिरमिना को छोड़ पाली, पोड़ी- उपरोड़ा व दर्री में तय हो चुके नाम की घोषणा न करना कई सवालों को जन्म दे रहा है कि क्या चुनाव प्रभारी राजा पांडेय को अपने चयन पर सन्देह है या फिर कोई दबाव शेष फाइनल नाम की घोषणा करने से रोक रहा है…?