0 जनचौपाल में 9 माह पहले दिए आवेदन का निराकरण नहीं हुआ, कार्यशैली से किसान हताश
कोरबा। कलेक्टर एवं जिलादण्डाधिकारी को पुनः आवेदन देकर रेल कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत खसरा नं. 108/1 में अधिग्रहित भूमि का पुनः सीमांकन करके रकबा ठीक करने का आग्रह किया गया है। जनचौपाल में 9 माह पहले की गई शिकायत का समाधान न होने पर किसान न्यायालय जाने के लिए विवश है।
इस मामले में आवेदक परमेश्वर प्रसाद साहू आत्मज चिन्ताराम 60 वर्ष, ग्राम गिधौरी, प.ह.नं. 26, रा.नि.मं. बरपाली, तहसील-बरपाली, जिला-कोरबा (छ.ग.) का मूल निवासी है। उसका आवेदन इस प्रकार है-
- यह कि उरगा से धमरजयगढ़ रेल कारिडोर परियोजना के अंतर्गत रेल अधिनियम 1989 की धारा 20 (A) भूमि अधिग्रहण के तहत जारी अधिसूचना के विरूद्ध आपत्ति की गई थी।
- यह कि जारी अधिसूचना के तहत अधिग्रहण भूमि का रकबा 47 डिसमिल दर्शाया गया था। जबकि सीमांकन के दौरान अधिग्रहण भूमि का रकबा 58 डिसमिल था। जो कि न्याय संगत नहीं है। अतः मैं सीमांकन से सहमत नहीं हूं।
- यह कि पूर्व में जारी अधिसूचना के विरूद्ध आपत्ति के सुनवाई दिनांक 09.01.2019 को सक्षम प्राधिकृत अधिकारी अपर कलेक्टर कोरबा के द्वारा की गई थी। लेकिन आज पर्यन्त अधिग्रहण भूमि का सीमांकन नहीं किया गया।
- यह कि दिनांक 07/02/2023 को जन चौपाल कोरबा को अधिग्रहित भूमि पुनः सीमांकन हेतु आवेदन दिया गया था लेकिन आज पर्यन्त सीमांकन नहीं किया गया है जो कि किसान के हित में नहीं है।
- यह कि अधिग्रहित भूमि का 15 दिवस के अन्दर पुनः सीमांकन करके रकबा ठीक नहीं किया जाता है तो मुझे अनशन में बैठने के लिए या न्यायालय का शरण लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
पीड़ित ने जिलाधीश से निवेदन किया कि खसरा नं. 108/1 में से अधिग्रहित भूमि का पुनः सीमांकन हेतु निर्देश देने की कृपा करें।
