कोरबा। जिले के सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों की मजबूरी ही है कि वह बदहाल व्यवस्थाओं के बीच अपना उपचार करने के लिए विवश रहते हैं।सरकारी अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त और तकनीकी तौर पर साधन संपन्न बनाने के साथ-साथ मरीजों के लिए सुविधाजनक बनाने हेतु सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिए जा रहे हैं। खासकर आकांक्षी जिले की सूची में शामिल और भारी भारकम डीएमएफ मद वाले कोरबा जिले के मुख्य जिला अस्पताल को भी संवारने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके बावजूद यहां कई तरह की अवस्थाओं से मरीज जूझने के लिए मजबूर हैं। इन अव्यवस्थाओं के बीच मरीजों की लाचारी का एक वीडियो सामने आया है जिसमें मरीज और परिजन के द्वारा वार्ड में मौजूद एकमात्र महिला प्रसाधन गृह(टॉयलेट) में उन बर्तनों को स्वयं धोया जा रहा है जिसमें भी खाना खाते हैं,नाश्ता करते हैं।
मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय के प्रथम तल पर स्थित वार्ड में यह नजारा पेश आया है। यहां भर्ती मरीजों के लिए एकमात्र महिला प्रसाधन गृह स्थित है। इस प्रसाधन गृह के अंदर दो अलग-अलग टॉयलेट निर्मित हैं। मुख्य दरवाजे के पास ही वाश बेसिन लगा हुआ है जिसमें टॉयलेट जाने वाले हाथ धोने के लिए उपयोग करते हैं। इसी वाशबेसिन में यहां भर्ती मरीज/परिजन अपने बर्तनों को खुद ही धोते हैं। यह मरीजों के साथ किस तरह की नाइंसाफी है या उनकी मजबूरी,कि उन्हें ऐसे हालात का भी सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं भर्ती मरीजों को दो-दो तीन-तीन दिन तक नहीं बेडशीट नहीं दी जाती/बदली नहीं जाती, वह जैसे पाए वैसे हालत में पड़े रहते हैं। देखभाल के लिए भी समय-समय पर ध्यान नहीं दिया जाता। मरीजों के बेड के पास बैठने के लिए स्टूल भी मौजूद नहीं है। यही नहीं, पेयजल के लिए मरीज के परिजनों को चिकित्सालय के मुख्य द्वार तक जाना पड़ता है।

चिकित्सालय में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी ठीक नहीं है।सफाई व्यवस्था पूरी तरह से छिन्न-भिन्न स्थिति में है।
0 बिना साफ किये शुगर चेक
मरीजों के साथ बरती जाने वाली इस तरह की लापरवाही का यह मामला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने सामने लाया है। वह भी इस वार्ड 3 में 2 दिन तक भर्ती रहे और इस दौरान उन्होंने इस कड़वे अनुभव को नजदीक से देखा। श्री वर्मा ने बताया कि भर्ती रहने के दौरान उनका शुगर चेक करने के लिए डिटॉल से ऊंगली साफ किए बगैर ही नर्स पंच कर रही थी। जब उन्होंने टोका तो नर्स ने कहा कि वो ऐसा ही करती है। वर्मा ने कहा है कि मरीज की उंगली संक्रमित भी हो सकती है और उसके उंगुली को साफ किए बिना पंच करने के बाद दूसरे मरीज को पंच करने से संक्रमण का खतरा भी तो हो सकता है।
पवन वर्मा ने इन विषम स्थिति – परिस्थिति को रेखांकित करते हुए अस्पताल प्रबंधन से मांग की है कि वे समय रहते उपरोक्त सभी बिंदुओं पर संज्ञान लेते हुए त्वरित रूप से आवश्यक सुधार सुनिश्चित करें अन्यथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की कोरबा जिला इकाई इन जन समस्याओं को लेकर शीघ्र ही एक बड़े आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी।
बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा जिले की जन समस्याओं को लेकर 16 फरवरी से शुरू की गई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के तीसरे दिवस बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनजर डॉक्टरों द्वारा किए गए स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पुलिस ने उन्हें आंदोलन स्थल से बलपूर्वक उठाकर चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय में भर्ती करा दिया था।