0 CSEB पुलिस की रात्रि गश्त व नशेड़ियों पर कार्रवाई सवालों में, 20 दिन में दूसरी हत्या से लोग दहशत में
कोरबा। जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारी सहित अधीनस्थों की कार्यशैली एवं रात्रि गश्त पर सवाल उठाते हुए पिछली रात हत्या की एक और वारदात हो गई। पिछले 20 दिनों के भीतर भैंस खटाल क्षेत्र में हत्या की यह दूसरी वारदात है जिससे स्थानीय लोगों में शोक मिश्रित आक्रोश व दहशत है। नशेड़ियों और नशा बेचने वालों के विरुद्ध अपेक्षित सख्त कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण इस तरह की घटना का होना स्थानीय लोगों ने बताया है।
जानकारी के मुताबिक भैंस खटाल मोहल्ले का रहने वाला शुभम साहू पिछले करीब 5 साल से अपने गृह ग्राम डभरा सक्ति से भैंस खटाल आकर जीजा दीनदयाल साहू के साथ रहकर इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। 23 वर्षीय शुभम और उसका जीजा कल रविवार रात लगभग 8:30 बजे काम खत्म कर घर लौटे थे। रात करीब 9 बजे शुभम पास के मेडिकल स्टोर से दवाई लेने के लिए गया हुआ था। इस दौरान जीजा भी साथ में था। मेडिकल स्टोर से घर लौटते वक्त शुभम के साथ मोहल्ले के रहने वाले रिक्की यादव और प्रभाकर सारथी से मुलाकात हो गई और यह दोनों अपने साथ शुभम को लेकर थोड़ी देर में आ रहे हैं कहकर चले गए। जीजा ने कहा जल्दी घर लौट आना। काफी देर बाद जब शुभम घर नहीं लौटा तो उसे खाना खाने के लिए बुलाने हेतु फोन किया जा रहा था किंतु फोन नहीं उठा। रात करीब 12:30 बजे इस बात का हल्ला मचा कि भैंस खटाल के नहर की सीढ़ी पर शुभम अचेत पड़ा है। जब इसकी जानकारी शुभम के एक मित्र को हुई तो उसने तत्काल शुभम के फोन पर संपर्क किया। फोन उठाने वाला रिक्की यादव था जिसने कहा कि मैंने शुभम को मार डाला है, बचा सकते हो तो बचा लो, वह नहर के पास पड़ा हुआ है। इसकी पुष्टि होते ही लोग दौड़े भागे नहर तक पहुंचे और आनन- फानन में घायल शुभम को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। शुभम के साथ अंतिम समय में जाने वाले प्रभाकर सारथी को हिरासत में ले लिया गया है। बताया जा रहा है कि रिक्की यादव हत्या करने के बाद मृतक शुभम का मोबाइल लेकर मोटरसाइकिल से कटघोरा की ओर भाग रहा था कि रास्ते में असन्तुलित होकर गिर पड़ा। वह शुभम का मोबाइल लेकर फरार है। संभवत: उक्त मोटरसाइकिल को बरामद कर लिया गया है।
प्रारंभिक तौर पर जानकारी सामने आई है कि शुभम की हत्या में हथौड़ी व चाकू का इस्तेमाल किया गया था। यह हथौड़ी आरोपी ने मोटरसाइकिल बनाने के नाम पर आसपास से ही हासिल किया था और उसे अपने कमर में छुपा कर रखा था। घटना की जानकारी के बाद सीएसईबी पुलिस ने प्रभाकर सारथी को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही घटना की जानकारी जुटाने के लिए कुछ अन्य युवकों को संदेह के आधार पर सहायता केंद्र बुलाकर पूछताछ की जा रही है। जिन युवकों से पूछताछ हो रही है उनके परिजनों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि जब वे लोग इस घटनाक्रम में थे ही नहीं तो उनसे पूछताछ और सख्ती क्यों? फरार रिक्की यादव का पता समाचार लिखे जाने तक नहीं लगाया जा सका है। प्रभाकर सारथी से पूछताछ जारी है। रिक्की के पकड़े जाने के बाद हत्या की वजह उजागर हो सकेगी।
0 गणेश विसर्जन के दौरान हत्या की कार्यवाही पर भी उठे हैं सवाल
सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी एसआई नवीन पटेल के द्वारा 28 सितंबर को भैंसखटाल-ढोढ़ीपारा मार्ग में गणेश विसर्जन के दौरान 17 वर्षीय युवक हरीश कुमार की मामूली सी बात पर चाकू मार कर हत्या कर देने के मामले में की गई कार्रवाई पर आज भी सवाल उठ रहे हैं। यहां पर हुए घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें समूह में मारपीट होते दिख रही है और मारपीट करने वाले भी नजर आ रहे हैं लेकिन संभवत: यह ऐसा पहला मामला है जब पुलिस ने सिर्फ एक युवक को आरोपी बनाया जबकि मारपीट करने वालों को पूरी तरह बख्श दिया गया, जबकि वे भी कहीं ना कहीं घटना में उकसाने के लिए, मारपीट करने आदि के दोषी तो हैं ही। पुलिस सूत्र बताते हैं कि उस मामले में जमकर लेन-देन हुआ और जिन-जिन को चौकी लाया गया था उनसे नजराना लेकर बख्श दिया गया। यह एक अच्छी बात है कि जो दोषी हो उसे ही दायरे में लिया जाए लेकिन जब घटना समूह में हुई है तो एकमात्र को आरोपी बनाया जाना भी संदेहों व सवालों को जन्म देता है तथा ऐसी प्रवृत्ति के लोगों का मनोबल बढ़ाता है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों की मांग थी कि पुलिस क्षेत्र में सघन गश्त करे तथा नशेड़ियों खासकर भैस खटाल क्षेत्र में लगाम लगाए, लेकिन 20 दिन के भीतर उसी इलाके में वहीं के रहने वाले युवक के द्वारा दूसरी हत्या का हो जाना कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहा है। कल रात की हत्या में शामिल आरोपी आदतन बदमाश बताया जा रहा है तो चुनाव के वक्त जब आचार संहिता लगी है और गुंडे-बदमाशों पर निगरानी रखा जाना है, तब ऐसे में यह भी प्रश्न है कि बदमाशों पर किस तरह की निगरानी रखी जा रही है? वैसे आचार संहिता लगने के बाद अभी तक जिले के किसी भी थाना-चौकी में निगरानी गुंडा-बदमाशों की परेड नहीं ली गई है।