रायपुर/कोरबा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच-छत्तीसगढ़ (छत्तीसगढ़ के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं का प्रतिनिधि संघ) से संबद्ध सभी संगठनों के अध्यक्षों व प्रतिनिधियों की वर्चुवल बैठक 2 फरवरी को संपन्न हुई।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सरिता पाठक द्वारा तय किया गया कि संयुक्त मंच के द्वारा राज्यव्यापी जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन व सामूहिक अवकाश आंदोलन 22 फरवरी की बजाय अब 16 फरवरी 2024 को आयोजित होगा। उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी को पूरे देश में ट्रेड यूनियनों, फेडरेशनों, मजदूर यूनियनों, तमाम नियमित अनियमित कर्मचारी संगठनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल आयोजित की गई है जिसमें पूरे देश भर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सहायिकाएं शामिल होंगी। यह पहली बार होगा कि पूरे देश की शोषित पीड़ित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सहायिकाएं एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने राज्य की सरकारों तथा केंद्र सरकार से अपने लिए सरकारी कर्मचारी घोषित करने एवं अन्य मांगों के लिए मैदान में उतरेंगी। इस दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, मिनी आंगनबाड़ी एवं क्रेश कार्यकर्ताएं एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर प्रत्येक जिला मुख्यालयो में रैली प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगे।
0 यह हैं प्रमुख मांगें
ज्ञापन में प्रमुख मांगे-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे, शासकीय कर्मचारी घोषित किये जाने तक श्रम कानून के तहत न्यूनतम पारश्रमिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिनी कार्यकर्ता को कम से कम प्रति माह 21000/- और सहायिका को कार्यकर्ता के मानदेय 21000/- का 85% राशि 17850/-स्वीकृत किया जावे।
मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को निःशर्त पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जावे, तब तक समान काम का समान वेतन दिया जावे। समाजिक सुरक्षा के रूप में आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 लाख सेवानिवृत्ति लाभ और 10000/- मासिक पेंशन व ग्रेच्युटी, इसी तरह से सहायिकाओ को इसका 85% के अनुपात में 4 लाख 25 हजार सेवानिवृत्ति लाभ और 8 हजार पांच सौ मासिक पेशन के अनुपात में एवं सहायिका, ग्रेच्युटी और समूह बीमा का लाभ देने हेतु नीति निर्धारण किया जावे।
सुपरवाईजर के रिक्त शत् प्रतिशत पदों पर कार्यकर्ताओ को बिना उम्र बंधन और परीक्षा के सीधे पदोन्नति दिया जावे। इसी तरह कार्यकर्ता के रिक्त शत् प्रतिशत पदो पर सहायिकाओ को पदोन्नत किया जावे और इस हेतु विभागीय सेवा भर्ती नियम मे आवश्यक संशोधन किया जावे। क्रेश कार्यकर्ताओ को कार्यकर्ता के पद पर समायोजित किया जावे सहित अन्य कई मांग शामिल हैं।
0 बिना सुनवाई बर्खास्तगी से आक्रोश
छत्तीसगढ़ में विशेष उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार के समय 45 दिन की हड़ताल के पश्चात आंगनबाड़ी के संगठनों के कई प्रमुख नेताओं के साथ अन्यायपूर्वक कार्रवाईयां की गई और दो नेताओं को बर्खास्त किया गया है। छ. ग. प्रदेश आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ की प्रांताध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी सज्जन (बस्तानार, जिला जगदलपुर) को बेबुनियाद राजनैतिक दबाव में आकर बिना जांच और सुनवाई के एक तरफा नियम विपरीत कार्यवाही करते हुये दिनांक 21.9.2023 को सेवा से बर्खास्त कर दिया किन्तु बर्खास्तगी का यह कागज भी 10 अक्टूबर को बाइपोस्ट गया। मामला कलेक्टर कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद उक्त आंगनबाड़ी केंद्र में नई नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रांतीय उपाध्यक्ष श्रीमती सुमन यादव को भी इसी प्रकार से नियम विरुद्ध एक तरफा कार्रवाई करके बिना किसी सुनवाई के 17 अगस्त 2023 को बर्खास्त कर दिया गया है। पिछली सरकार को कई बार आवेदन दिया गया किंतु उन्होंने कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया।
वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास मंत्री से भी संयुक्त मंच की ओर से मिलने के लिए आवेदन दिया जा चुका है किंतु अभी तक उन्होंने भी मिलने का समय नहीं दिया है इस कारण संयुक्त मंच एवं राज्य की तमाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सहायिकाएं आक्रोषित हैं।