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KORBA:पाली में पानी का संकट गहराया,PHE के अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैय्या

0 दो साल से क्रियान्वयन के इंतजार में जल आवर्धन योजना में पूर्ण हुए कार्य

कोरबा-पाली। कोरबा जिले के विकासखंड पाली अंतर्गत पाली नगर क्षेत्र में पानी का संकट बड़ी तेजी से गहराने लगा है।पाली नगर पंचायत में शासन की योजना पर काम तो हुआ लेकिन PHE के अधिकारियों की अदूरदर्शिता और दफ्तर में बैठकर काम निपटाने की प्रवृत्ति के कारण जनता को दोनों वक्त पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। समस्या बताने के बाद भी समाधान के प्रति अधिकारी गंभीर नहीं हैं जिससे आक्रोश जनता में बढ़ रहा है।
गर्मी के मौसम में लोगों को पानी की समस्या ना हो इसके लिए ग्रीष्म ऋतु से पूर्व तैयारी करनी होती है लेकिन PHE के अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह काम समय पर नहीं हो पाए और जो काम हुए भी हैं उनके लाभ के लिए तरसना पड़ रहा है।

0 पाइप लाइन बिछ गई,पानी की बून्द नहीं निकली

पाली में जल आपूर्ति के लिए सरकार की महत्वपूर्ण जलआवर्धन योजना पर काम हुआ है। करीब 9 से 10 करोड रुपए इसमें खर्च हुए हैं। 2 साल पहले गाजर नाला पर मुनगाडीह में स्टॉप डैम से इंटक वेल और इंटक वेल से फिल्टर प्लांट तक पाइपलाइन बिछाने के साथ-साथ घरों घर कनेक्शन के लिए पाइप बिछाने का काम हो चुका है। सारा कुछ काम हो जाने के बाद भी पिछले दो ढाई साल से जनता को आवर्धन योजना का एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो सका है। हालांकि जलापूर्ति के लिए लगभग तीन बोर पूर्व से लगवाए गए हैं लेकिन इससे एक समय में ही पानी मिल पाता है। सरकार करोड़ों-अरबो रुपए खर्च कर जनता के लिए सुविधा दे रही है लेकिन अधिकारियों की नाफरमानी और मनमानी के कारण आम जनता को समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है।

0 समस्या की जानकारी है, पर समाधान नहीं करना
पाली में पानी की समस्या का समाधान इंटकवेल से होना है। दरअसल जानकाररों ने बताया कि इंटक वेल में पड़े पैमाने पर मिट्टी का जमाव हो चुका है और इस मिट्टी को यहां से निकालना विभाग का काम है लेकिन PHE वाले अधिकारी इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पिछले 2 साल से यह स्थिति निर्मित है जिसकी वजह से इंटकवेल में पानी का बहाव और जमाव नहीं हो पा रहा है जिससे टंकी में पानी पहुंचने का सवाल ही उत्पन्न नहीं होता। समस्या PHE के सामने 2 साल से रखी जा रही है लेकिन इस लंबी अवधि में भी वह समाधान नहीं कर सके हैं। बताया जा रहा है कि यहां जो बोर पूर्व में लगाए गए हैं उनसे भी अब कम पानी आता है। SECL की खदान खुल जाने से जलस्तर नीचे गिरने लगा है। मांग उठी है कि पुराने बोर को ही गहरा कर दिया जाए और ताकि उसमें सबमर्सिबल पंप लगाकर पानी की धार को और तेज किया जा सके लेकिन इसके लिए भी सर्वे करने में 2 महीने बीत गए और अभी तक मौके पर कोई भी सर्वेयर PHE की ओर से नहीं पहुंच सका है। आखिर इस तरह की नाफरमानी और मनमानी व गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले अधिकारियों पर शासन-प्रशासन कब तक अपनी नजर तिरछी करेगा और कार्रवाई कर व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम कब होगा ? इस ओर पाली की जनता की निगाहें टिकी हुई हैं।

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