0 सप्ताह में 02 दिन दादी-दादा से मिल सकेगा 04 वर्षिय पोता।
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से सबंधित प्रस्तुत 24 प्रकरणों पर जन सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेशवाक्षर 291 वीं एवं कोरबा जिले में 9 वीं सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका का बेटा की मृत्यू हो गयी हैं और अनावेदिका उसकी विधवा पत्नि है। अनावेदक का 04 साल का बेटा हैं। आवेदिका के बेटे की मृत्यू के पश्चात अनावेदिका को उसके पति का नौकरी मिला है दोनों पक्षों के बीच लिखित इकरारनामा भी किया गया हैं कि आवेदिका अपने पोते से मिल सकेगी। उभयपक्ष को समझाईश देने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अपने बेटे को उसके दादी-दादा से हप्ते में 02 दिन शनिवार और रविवार को भेजना स्वीकार किया हैं। इस बात के लिये दोनों पक्षों के बीच कोई भी विवाद नहीं होगा। महिला आयोग के समझाईस पर दोनों परिवार आपस में जुड़कर रहेंगे। प्रकरण पर सखी सेंटर 1 वर्ष तक निगरानी करेगी। इस निर्देश के साथ प्रकरण आयोग में नस्तीबद्ध किया।
0 शिक्षा विभाग आंतरिक परिवाद समिति गठित करने गम्भीर नहीं
अन्य प्रकरण में अनावेदक क्रमांक 01 द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर का आदेश दिनांक 05.05 2023 को आयोग में प्रस्तुत किया गया था जिसमें अनावेदक को बी.आर.सी. पद से हटाकर अन्यत्र भेजे जाने पर स्थगन मांगा था लेकिन उच्च न्यायलय में उसे स्थगन नहीं देकर केवल यथास्थिति का आदेश दिया था। अर्थात इस प्रकरण पर कहीं कोई लाभ अनावेदक को नहीं मिल सकता हैं। लेकिन इस प्रकरण में आवेदिका उच्च न्यायालय में उसके अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हो चुकी हैं और आवेदिका की शिकायत पर अब तक आंतरिक परिवाद समिति से कार्यवाही नहीं किया हैं इसकी पुष्टि जिला शिक्षा अधीकारी कोरबा के पत्र दिनांक 27.11.2024 से होती हैं। अब तक अवेदिका की अनावेदक क्रमांक 01 ओ 02 के खिलाफ शिकायत पर जाँच अपूर्ण हैं। ऐसी दशा में आयोग के द्वारा आवेदिका को समझाईश दिया जाता हैं कि वह इन सभी बिन्दुओं को उच्च न्यायालय के समक्ष अपने वकील के माध्यम से प्रस्तुत करेंगें। 02 साल बाद भी अब तक अनावेदकगण के विरूद्ध आंतरिक परिवाद समिति कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया हैं जिससे कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडन कानून 2013 का उद्देश्य अधूरा हैं। आवेदिका को अब तक न्याय नहीं मिला है। चूँकि प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इस प्रकरण में निराकरण नहीं कर सकते।आयोग ने आवेदिका को आर्डरशीट की निःशुल्क प्रति दिया ताकि वह उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करें और आंतरिक परिवाद समिति जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के खिलाफ दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत करें। उच्च न्यायालय के द्वारा निर्णय प्राप्त होने पर आवेदिका आयोग में निर्णय की प्रति प्रस्तुत करेगी ताकि आवश्यकतानुसार उचित कार्यवाही किया जा सकेगा। आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
0 दहेज का सामान आयोग ने वापस दिलाया
अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति स्व. विनोद कटियारे के मृत्यू के बाद आवेदिका का विवाह में दिया गया सारा सामान आनवेदकगण के द्वारा थाना सिविल लाईन रामपुर चौकी के द्वारा रख लिया गया। आवेदिका की शिकायत को पंजीबद्ध भी नहीं किया जा रहा हैं। आवेदिका ने कई बार थाने में, एस.पी. ऑफिस में शिकायत किया है इसके आधार पर आवेदिका इन सभी अनावेदकगणों की विरूद्ध धारा 498ए का अपराध पंजीबद्ध करायेगी और अपना समस्त सामान वापस प्राप्त करेंगीं। आयोग के द्वारा की गई उपरोक्त अनुसंशा के आधार पर प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
0 मकान विवाद में 2 माह में पुलिस से मांगा जांच प्रतिवेदन
अन्य प्रकरण में आवेदिका के बनाये मकान को अनावेदक ने कब्जा कर लिया गया हैं। अनावेदक का कहना है कि आवेदिका के पति ने उससे पैसा लिया था। आवेदिका के पति का कहना है कि पूरा पैसा वापस कर दिया गया है। उसने यह भी बताया कि जिस नोटरी दस्तावेज के आधार पर मकान को खरीदना बता रहे हैं उसमें के गवाह आज आयोग में उपस्थित हैं उनके द्वारा बताया गया कि आवेदिका के पति ने अनावेदक को पूरा पैसा तीन किश्तों में वापस कर दिया हैं। उभयपक्षों में मध्य न्यायालय में कानूनी प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी हैं ऐसी दशा में आयोग के द्वारा अंतिम निराकरण किये जाने के पूर्व एस.पी. कोरबा से 2 माह में थाना दीपका के इस प्रकरण का पुलिस प्रतिवेदन मंगाया जाना आवश्यक होगा। चूंकि इस प्रकरण में थाना दीपका के पुलिस पर भी आरोप लगाये गए हैं अतः उन सब के खिलाफ अंतिम निर्णय प्रतिवेदन प्राप्त के बाद किया जायेगा। पुलिस प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद आयोग द्वारा प्रकरण में अंतिम निर्णय लिया जायेगा।
अन्य प्रकरण में वन विभाग की जमीन विवाद को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने है वन विभाग की जमीन पर अनावेदक के बेजा कब्जा की शिकायत पर आवेदिका के उपर अपराधिक मामला दर्ज किया हैं जो कि न्यायालय में विचाराधीन हैं। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता हैं।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक 01 से 05 तक उपस्थित। आवेदिका ने अपनी अनुपस्थिती के लिये तथा आगामी सुनवाई बढ़ाने के लिये आवेदन दिया हैं। आगामी सुनवाई रायपुर में जनवरी 2025 में रखा जाता हैं। अनावेदकगण सभी को आना आवश्यक नहीं होगा क्योंकि अनुपस्थिति में हॉपिटल बंद हो जाता हैं। अतः उनकी अनावेदक क्रमांक 01 डॉ 16 जनवरी 2025 को उपस्थित होंगें।अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य संपत्ति का विवाद है जिस पर तहसील न्यायालय से निर्णय हो चुका है आवेदिका चाहे तो राजस्व न्यायालय में अपील कर सकती है इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका के साथ उसकी ननंद उपस्थित। उसके द्वारा बताया गया कि आवेदिका व उसके मध्य (आवेदिका के पति) के बीच सुलह नामा होने वाला हैं। आयोग की ओर से दोनों पक्षों के समक्ष अपना सुलहनामा कराये बीच सुलह प्रकरण नस्तीबद्ध किया जावेगा। आवेदिका ने अनावेदिका के उपर आरोप लगया है। शादी के बाद उसके पति के साथ अवैध संबंध है और पूर्व परिसिमित है यह अच्छे से जानती थी और वह अच्छे से जानती थी कि आवेदिका के पति के 02 बच्चे हैं। अनावेदिका ने कहा कि वह और यह जानती थी कि पूर्व से शादी शुदा है और 25 साल तक शारिरिक शोषण किया और उनके पति के खिलाफ 376 प्रकरण न्यायालय में चल रहा है। चूंकि उभयपक्ष के मध्य न्यायालय में विवाद जारी हैं। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित। आवेदिका ने बताया कि उसकी जमीन पर अनावेदक ने तोड़-फोड ईंट रेत डाल दिया हैं। आवेदिका 04 पीढ़ी से उस जमीन पर काबिज हैं। आनावेदक ने आधी जमीन खरीदी की पर आधी शेष जमीन पर आवेदिकागण का कब्जा है। सुनवाई के दौरान अनावेदक ने 100/- का स्टाम्प प्रस्तुत किया और वह 2023 का है जबकि यह बिकी का इकरार नामा है और उसका समयावधि सामाप्त हो चुका हैं और इसके आधार पर आवेदिका को धमकाने का प्रयास कर रहा हैं। इस पूरे प्रकरण में कलेक्टर कोरबा को पत्र भेजा जायेगा कि वह एस.डी. एम., तहसीलदार, 02 आर.आई., 02 पटवारी के साथ मिलकर स्थल निरीक्षण कर सीमांकन कार्यवाही कर अपनी रिपोर्ट 03 माह आयोग को प्रेषित करें तथा अनावेदक के उपर आवश्यक रूप से आपराधिक मामला दर्ज करें और आयोग को सूचित करें। प्रतिवेदन पश्चात आगामी कार्यवाही की जावेगी। अनावेदक क्रमांक 01 वं 02 को थाना पाली के माध्यम से आगामी सुनवाई में उपस्थित कराया जायें।