बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल बिलासपुर के द्वारा उस्लापुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों की सुविधाओ को विस्तार देने के लिए जिस गति से सुविधा बढ़ाई जानी चाहिए वो अभी कछुआ की चाल में चल रही है। बात विकास की है तो कोई बात नहीं लेकिन यही कोयले की ढुलाई की चाल धीमी हो जाए तो कयामत आ जाए।
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एशिया की सबसे बड़ी और विस्तृत कोयले की खदान एसईसीएल इस जोन मुख्यालय के साथ यही है जो कोरबा जिला में स्थित है जिसका मुख्यालय बिलासपुर में है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल बिलासपुर जोन सबसे अधिक राजस्व देने वाला मुख्यालय है। बिलासपुर में ट्रेनों की आवाजाही के लोड को कम करने और इंजन के बदलने के समय में कमी लाने के लिए मंडल ने उस्लापुर स्टेशन को चुना था। समय के अनुसार रायपुर रूट से कटनी जाने वाली ट्रेनों के ठहराव को बिलासपुर से हटाकर यहां किया गया। इससे समय भी बच गया और इंजन भी बदलना नहीं पड़ा। इस बचे हुए समय में मुख्यालय ने मालगाड़ियों के फेरो में बढ़ोतरी कर दी। जहां प्रति 7 मिनट के अंतराल में कोरबा के फाटक बंद कर कोयले की ढुलाई की जा रही है।
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पेंड्रा गौरेला के लिए नई रेल लाइन भी इसके लिए ही डाले जा रहे है ताकि कोयले की ढुलाई कोरबा से लेकर डायरेक्ट पेंड्रा के रास्ते महाराष्ट्र ले जाया जा सके। उसके बावजूद इस मुख्यालय से लगे उसलापुर स्टेशन में विकास की रफ्तार धीमी गति से चल रही है।
0 सुलभ शौचालय की कमी
उसलापुर रेलवे स्टेशन में अभी तक यात्रियों की सुविधाओ को नजर अंदाज किया जा रहा है। यात्रियों सहित अन्य लोगों के लिए ना सुलभ शौचालय है और ना ही अन्य लोगों के लिए पेशाब घर बनाया गया है। कब तक यह बन पाएगा इसे कोई नहीं जानता है। आरपीएफ के एक सिपाही से चर्चा की तो उन्होंने इस बारे में हंस कर जवाब दिया और कहा कि सभी भगवान भरोसे चल रहा है।
0 महिला अध्यक्ष ने बताई समस्या
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जिला महिला ऑटो संघ की अध्यक्ष संतुला देवी पाटले ने कहा कि उसलापुर स्टेशन में बाथरूम सहित अन्य सुविधा की कमी है, काम की रफ्तार धीमी गति से चल रही है। यात्रियों के पीने के लिए पानी की व्यस्था भी ठीक से नहीं है। एक फ्रिज लगा है जिसमें सभी लोग पानी पीते है। जब सुविधा बढ़ाई जा रही है तो सभी के लिए विकास बढ़ना चाहिए। यात्रियों के वाहनों को रखने के लिए अलग अलग वाहनों के लिए जगह बनाई गई है लेकिन वहां शेड नहीं लगाया गया है। सभी वाहन खुले में रखे जाते है।
0 सुंदरता की रफ्तार धीमी
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उसलापुर रेलवे स्टेशन के सामने की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए लोहे के ऐंगल से शेड का निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्टेशन परिसर के कुछ लोगो का कहना है की विगत 8- 9 माह से काम चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। काम चल ही रहा है कब तक पूरा होगा हम नहीं जानते ऐसा यहां के लोगों का कहना है। लेकिन कुछ लोग कहते है कि सामने कांच लगना है।
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0 वेटिंग हाल है बेहाल
स्टेशन परिसर के अंदर ही सेकंड क्लास वेटिंग हाल बना हुआ है। जहां ग्रेनाइड पत्थर से बैठने के लिए सुविधा है। इस वेटिंग हाल में ना शौचालय बनाए गए है और ना ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा बढ़ाई गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए चार नंबर प्लेट फॉर्म भी बनाने की बात चल रही है लेकिन इस पर अब तक कोई पहल नहीं हुई है। कब बनेगा ये तो भगवान भरोसे ही है।
0 टिकिट काउंटर का हाल बेहाल
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यात्रियों की सुविधा के साथ साथ टिकिट काउंटर के हाल भी बेहाल हो चले है। जहां लोगों के बैठने के लिए ढंग की कोई सुविधा नहीं है। स्मार्ट सिटी के स्मार्ट रेलवे टिकिट काउंटर में तो कभी कभी गाय और कुत्ते भी अंदर घूमते हुए देखे जा सकते है।