0 पांच करोड के टेंडर में मैनेज कर घोटाले को अंजाम देने की चर्चा
कोरबा। कटघोरा कृषि उपज मंडी में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। मंडी समिति द्वारा निकाले गए निविदा में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चला। 30 कार्यों के लिए मैनेज कर ठेकेदार तय किए गए और उनसे 5% की वसूली की भी अपुष्ट चर्चा है। इस सबमें सबसे बड़ी भूमिका मंडी समिति में बाबू राजेश झरिया की बताई जा रही है जिनके द्वारा पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया है। भाग लेने वाले एक ठेकेदार ने बताया कि निविदा दिनांक 21/06/2023 को कृषि उपज मंडी कटघोरा द्वारा निकाला गया जिसमें ठेकेदार को एक कार्य के लिए दो फॉर्म उपलब्ध कराए गए। ठेकेदार को बताया गया कि एक काम में आपका अमानत राशि सपोर्टिंग फॉर्म में आपको डालना नहीं पड़ेगा। उसके बाद टेंडर को खोला गया। सिंगल फॉर्म में ही अमानत राशि उपलब्ध हुई सपोर्टिंग फार्म में अमानत राशि नहीं थी फिर भी उसका कॉपरेटिव बनाया गया। कॉपरेटिव बनाकर कार्यपालन अभियंता से लेकर मंडी बोर्ड के डायरेक्टर तक का हस्ताक्षर कराकर घोटाले की साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई गई लेकिन मंडी बोर्ड के डायरेक्टर ने 10% अधिक दर की स्वीकृति प्रदान नहीं की और पुनः टेंडर लगाने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद डायरेक्टर तक को धोखे में रखकर डायरेक्टर के हस्ताक्षर करा लिए। अगर डायरेक्टर को जानकारी होती कि सपोर्टिंग टेंडर में अमानत राशि और सत्य निष्ठा दोनों नहीं है तो डायरेक्टर ऐसा कदम कभी नहीं उठाते। भ्रष्टाचार करने के लिए मंडी के अधिकारियों ने पुनः टेंडर किया लेकिन फिर से वही कर दिया जो पहले किया गया था।