कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना खदान से प्रभावित ग्राम पंचायत पाली (पड़निया), जनपद पंचायत कटघोरा की सरपंच श्रीमती कमला बाई कंवर के द्वारा आश्रित ग्राम-बरकुटा, सोनपुरी के ग्रामीणों के साथ आज खदान क्षेत्र में प्रदर्शन कर खदानबंदी किया गया। दोपहर करीब 3 बजे तहसीलदार की उपस्थिति में आश्वासन उपरांत प्रदर्शन खत्म किया गया। दूसरी तरफ ग्रामवासियों में इस आंदोलन को लेकर आश्चर्य भी देखा गया और वह आपस में यह चर्चा करते भी सुने गए कि आखिर सरपंच एकाएक इनके खिलाफ मोर्चा कैसे खोल बैठी हैं। इतने लंबे समय में तो उन्होंने खिलाफत नहीं की लेकिन क्या पंचायत चुनाव का वक्त सिर पर आने के साथ ही उनकी सक्रियता खदान के बहाने उभर कर सामने आई है?हालांकि सरपंच के नेतृत्व में आंदोलन सफल रहा।
महाप्रबंधक कुसमुंडा परियोजना से ग्राम पाली, बरकुटा, सोनपुरी एवं प्रभावित ग्राम पड़निया, खैरभवना, जटराज एवं अन्य प्रभावित 20 ग्राम के लोगों की समस्याओं से अवगत कराया गया।
मांग की गई है कि खदान एरिया में आवश्यक रूप से सुरक्षा घेरा लगायी जाए, जिससे सम्पूर्ण लोगो व मवेशीयो की सुरक्षा हो सके। आउट सोर्सिंग कंपनी नीलकंठ एवं अन्य कम्पनी में स्थानीय एवं प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाय।
निवास ग्राम के 500 मीटर के दायरे में खनन कार्य बंद किया जाय। हैवी ब्लास्टिंग बंद कराया जाय ।
मुआवाजा विसंगति दूर कर पारदर्शी किया जाय एवं मकान का माप जोख कर-संतुष्टि जनक मुआवजा राशि दिया जाय।
ग्राम बरकुटा की भूमि 1996 में अर्जन किया गया था जिसमे रोजगार की पात्रता सूची में 185 खातेदार में से 27 साल में 80 लोगो को रोजगार प्राप्त हुआ है। अभी तक 105 व्यक्तियो को रोजगार शेष है, अतः बचे हुए बरकुटा के 105 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जाय ।
बरकुटा की भूमि को S.E.C.L कुसमुंडा खदान एवं नीलकंठ कंपनी द्वारा मिट्टी एवं कोयला खनन कार्य 3 वर्ष से किया गया है और किया जा रहा है, जिसमें बरकुटा के बचे सभी बेरोजगार को नीलकंठ कंपनी में काम दिया जाए।
ग्राम पाली की सम्पूर्ण भूमि 2009-10 में अर्जन किया गया है, जिसके 7 वर्ष बाद मुजावजा देना प्रारंभ किया गया और 5 वर्ष बाद रोजगार देना प्रारंभ किया गया एवं अभी तक 71 लोगों को रोजगार देना बाकि है। अतः ग्राम पाली के सभी बेरोजगारो को कुसमुंडा एवं नीलकंठ कंपनी द्वारा सर्वे कर बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
सरकारी एवं वनभूमि और भूमि मालिक के द्वारा सहमती दिए जाने पर सौ प्रतिशत सोलेशियम दिया जाए।
कहा गया है कि समस्याओं का समाधान 10 दिवस में नहीं होता है तो 30 सितम्बर को अनिश्चितकालीन खदान बंद हडताल किया जाएगा।