0 मध्यस्थ से रुपये वापस पाने भटक रहा पीड़ित परिवार
कोरबा। कोरबा जिले में पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों से जान पहचान का फायदा उठाकर गंभीर मामले में मध्यस्थता करने की बात कहकर समझौता कराने के नाम पर वसूली की गई। बलात्कार के मामले में टीआई से बातचीत कर शिकायत रफा-दफा कराने के ऐवज में 4 लाख रुपए वसूले गए। मध्यस्थता करने वालों ने दगाबाजी की तो मामला सामने आया। अब युवक के परिजन मध्यस्थ से अपना पैसा वापस लेने के लिए थाना-चौकी के चक्कर काट रहे हैं।
यह मामला मानिकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के सुभाष ब्लॉक कालोनी का है। यहां के एक 22 वर्षीय युवक कॉलेज छात्र का हरदीबाजार क्षेत्र की युवती से इंस्टाग्राम पर जान-पहचान बढऩे के साथ प्रेम प्रसंग प्रारंभ हुआ। डेढ़ साल की पहचान में कुछ ज्यादा ही नजदीकियां बढ़ गई। मामला उजागर होने व शादी से मुकरने पर युवती ने युवक के विरुद्ध बलात्कार का आरोप लगाते हुए हरदीबाजार थाना में शिकायत कर दी। इस शिकायत की जानकारी जब युवक के परिजनों को हुई तो उनके होश उड़ गये। युवक की बहन जो ब्यूटी पार्लर की संचालिका है, उसने अपने यहां आने वाली ग्राहक लक्ष्मी सिंह से यह बात बयां की। लक्ष्मी ने अक्सर अपने आप को महिला आयोग, राजनीति से जुड़ा होने के कारण पहुंच वाला बताकर पीडि़त परिवार के सामने पेश किया जिससे कुछ लाभ की उम्मीद जागी। पीडि़त परिवार के मुताबिक लक्ष्मी ने अपने परिचित अरशद अंसारी के साथ मिलकर इस मामले को निपटाने और थाना से ही शिकायत को फड़वा कर मामला रफा-दफा करा देने का भरोसा दिया। आईटीआई रामपुर में बुलाकर लेनदेन की बात हुई और 35 हजार रुपए इसी नवरात्रि के समय लिया गया। इसके बाद कोतवाली से पुलिस घर पहुंची और हरदीबाजार थाना जाने के लिए कहा गया तब पुन: लक्ष्मी से संपर्क कर युवक की बहन ने बात की। यहां मामला तीन लाख रुपए में सेटलमेंट कराने पर तय हुआ जिसमें एफआईआर और जेल नहीं होने देने का भरोसा मध्यस्थ लक्ष्मी ने दिया। 3 लाख रुपए में से 1.50 लाख रुपए कोरबा में किसी खास को देने और 1.50 लाख रुपए हरदीबाजार टीआई को देने की बात कही गई। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को डेढ़ लाख रुपए लेकर हरदीबाजार थाना पहुंचे जहां पीडि़ता युवती को बुलाया गया और सामने में लिखा-पढ़ी कर समझौता करने राजी कर लिया गया और शिकायत वापस हो गई, लेकिन इस राजीनामा की प्रति युवक की बहन को नहीं दी गई। समझौता करा कर सभी कोरबा लौट आए।
इसके दूसरे दिन युवक की बहन ने अपने घर में 2 लाख रुपए नगद लक्ष्मी को दिए और यह रकम अपने चाचा से ऊधार के तौर पर लिया गया। इस तरह 3.50 लाख रुपए लक्ष्मी को देने के बाद निश्चिंत हो गए कि अब कुछ नहीं होगा, लेकिन लिया गया पैसा संबंधित लोगों में नहीं बंटा।
0 कथित समझौता के बाद दर्ज हुई एफआईआर
इधर कथित तौर पर हुए समझौते के बाद 26 अक्टूबर को पीडि़त युवती के द्वारा थाना में युवक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई और 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर कटघोरा उप जेल भेज दिया गया। जेल भेजे जाने के बाद लक्ष्मी सिंह ने 2 लाख रुपए पीडि़त परिवार युवक की बहन को लौटा दिया जबकि 1.50 लाख रुपए, पूर्व में लिए गए 35 हजार व 10 हजार रुपए कुल 1 लाख 95 हजार रुपए वापस नहीं किया जा रहा है। युवक की बहन ने बताया कि लक्ष्मी सिंह के द्वारा अब यह पैसा भूल जाने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि कोरबा में जिसे यह रकम उसने दिया है उससे वापस मांगने पर न जाने कौन सा मुद्दा उछल जाएगा। पीडि़त परिवार ने इस पूरे मामले और टीआई के नाम पर झांसा देकर वसूली गई रकम के मामले में 20 नवंबर को मानिकपुर पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है। पीडि़ता ने बताया कि उसने शिकायत चौकी प्रभारी को दिया है लेकिन इसकी पावती उसने हड़बड़ी में नहीं लिया और चौकी की ओर से भी पावती नहीं दी गई। बहरहाल देखना होगा कि पुलिस के नाम से वसूली करने के इस मामले में पीडि़त परिवार को किस हद तक न्याय मिल सकेगा और उसके रुपए वापस मिलेंगे या नहीं? पीडि़त ने रुपए लेनदेन से संबंधित प्रमाण आवेदन के साथ सौंपा है। दूसरी तरफ इस मामले में हरदी बाजार थाना प्रभारी निरीक्षक नितिन उपाध्याय का कहना है कि इस तरह का कोई मामला लेन देन संबंधी उनकी जानकारी में नहीं है। पुलिस का नाम खराब करने वालों पर निश्चित कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित युवती और आरोपी युवक को शादी करने के लिए समझाइश देने का प्रयास परिजन के आग्रह पर जरूर किया गया लेकिन युवक और उसके परिजन मानने को तैयार नहीं थे तब अंततः पीड़िता ने थाना में एफआईआर दर्ज कराई जिस पर महिला संबंधी अपराध होने से पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला को अवगत कराया गया एवं उनके मार्गदर्शन में विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल दाखिल कराया गया है।