0 कोरबा -पाली में शासन के निर्देशों की उड़ रहीं धज्जियाँ
0 छ. ग. पाठ्य पुस्तकों को छोड़ अपनी मनमर्जी की पुस्तके चला रहे प्राइवेट स्कूल
0 सेटिंग वाली दुकानों पर ही मिलती हैं प्राइवेट स्कूल की पुस्तकें, अधिकारियों के बच्चे भी तो पढ़ते हैं, कहीं और से खरीद कर बताएं…!
कोरबा-पाली। हाल ही में प्रदेश स्तर पर उजागर हुए पाठ्य पुस्तक निगम के अखंड भ्रष्टाचार के बावजूद भी राज्य के शिक्षा विभाग के अफसर मूक दर्शक बनकर बैठे हैं। प्राइवेट स्कूलों और उनके एजेंट के रूप मे पुस्तक विक्रेताओं के ऊपर ना ही स्कूलों के पुस्तकों की जाँच हो रही है और ना ही शिक्षा गुणवत्ता और व्यवस्थाओं की।
इसी विषय पर एक शिकायत आज पाली विकासखंड के विकासखंड शिक्षा अधिकारी को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के पालक ने की है। हमारे समाचार सहयोगी ने बताया कि पाली स्थित एक पुस्तक दुकान में एक प्राइवेट स्कूल की पुस्तक जिसमें मूल्य अंकित (प्रिंट) ही नहीं था, जिसे ऊंचे दाम पर बेचा गया है। उक्त पाठ्य पुस्तक में मूल्य अंकित नहीं होने के बावजूद भी दुकानदार ने बाकायदा उक्त पुस्तक का बिल पालक को दिया है जिसकी शिकायत उसने विकासखंड शिक्षा अधिकारी से करते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।
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