कोरबा। पसान वन परिक्षेत्र के आवासीय परिसर की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। भू-माफिया अब वन विभाग के आवासीय परिसर को भी नहीं छोड़ रहे है, पूर्व निर्मित आवास को तोड़कर निर्माण जारी है, मकान बनाने लगे हैं। दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे कब्जा करने वालों का हौसला बुलंद है।
वन विभाग के आवासीय परिसर में पूर्व में बने भवन को तोड़कर अतिक्रमण किया जा चुका है। दूसरी ओर वन विभाग के इन भू माफिया ओ के सामने नतमस्तक है,इससे कब्जा करने वालों का हौसला बुलंद है। पसान बस स्टैंड में स्थित वन विभाग का आवासीय परिसर के अंदर की भूमि जहां बाउंड्री वॉल बना है,पूर्व में वन विभाग का आवासीय भवन निर्मित था उक्त भवन को तोड़कर फॉरेस्ट की बाउंड्री के अंदर निर्माण कार्य जारी है।
आरोप और चर्चा है कि पसान वन क्षेत्र के अधिकारी वन भूमि पर अवैध बेजा को संरक्षण देने में लगे हैं। लगातार कब्जा बढ़ते जा रहा है। दूसरी ओर शहर में लगातार सरकारी जमीन पर कब्जा करने का खेल चल रहा है। गलत तरीके से सरकारी जमीन को दूसरे के नाम पर चढ़ाया जा रहा है। मामले मे पसान वन परिक्षेत्र अधिकारियो की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
उक्त मामले में डीएफओ को आवेदन के माध्यम से बताया गया है कि पसान वन परिक्षेत्र अंतर्गत वन विभाग के आवासीय परिसर खसरा नं. 181/2 रकबा 0.2020 हेक्टेयर भूमि जो कि रिकार्ड में डीएफओ नार्थ वन मंडल अधिकारी बिलासपुर के नाम पर दर्ज है,जिस पर पसान वन विभाग का आवासीय परिसर है भवन निर्मित है,उक्त वन भूमि पर पसान के कुछ तत्वों के द्वारा अवैध कब्जा अतिक्रमण किया जा रहा है। वन भूमि पसान वन विभाग की आवासीय परिसर है जिस पर बाउंड्रीवाल भी निर्मित है , उक्त भूमि पर बाउंड्री वॉल के अंदर कब्जा कर दुकान व मकान का निर्माण खुलेआम किया जा रहा है, जिसमे वन परिक्षेत्र अधिकारी का संरक्षण भी इन्हे प्राप्त है जिसके कारण खुलेआम वन विभाग के बाउंड्री वॉल के विभाग की संपत्ति पुराने भवन को गिराकर निर्माण किया जा रहा है। वन भूमि पर अतिक्रमण के साथ-साथ विभाग की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है। मामले में अतिक्रमणकारियों पर वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) के तहत कार्रवाई एवं अन्य वन विभाग के अधिनियम के तहत् कड़ी कार्यवाही की मांग आवेदनकर्ता ने की है।