0 कटघोरा वनमंडल में बेलगाम भ्रष्टाचार,स्टाप डेम निर्माण में कब रुकेगी धांधली,कौन करेगा कार्रवाई…?
कोरबा-कटघोरा। जिले के कटघोरा वन मंडल में स्टाप डेमों के निर्माण में चल रही धांधली आखिर कब रुकेगी? क्या वन मंडल के बिलासपुर व रायपुर में बैठे शीर्ष अधिकारी इस विषय पर संज्ञान लेने में रुचि नहीं दिख रहे हैं या फिर वनमंडल में बैठे DFO-SDO उन्हें इस मामले में गुमराह कर रहे हैं। तकनीकी तौर पर मापदंडों को दरकिनार करते हुए स्टाप डेम का निर्माण जारी है। पुराने दर पर स्वीकृत स्टॉप डैम के निर्माण में आधे-अधूरे सामानों के साथ निर्धारित मापदंडों का पालन बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है और पहली बारिश में ही बह जाने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
लगभग 1 करोड रुपए की लागत से बनने वाले इन 5 स्टाफ डेम की लागत से आधी रकम खर्च होनी है और बाकी पैसा जेब में ले जाने की तैयारी कर ली गई है। ऐतमा नगर वन परिक्षेत्र के लुदी नाला और सुंदरहानाला पर बनने वाले स्टाप डेम के निर्माण में धांधली की कहानी लिखी जा रही है।
इससे पहले भी वन मंडल में बने कई स्टाप डेम भ्रष्टाचार के कारण चर्चा में रहे हैं लेकिन घोटाले की यह दास्तां थमने का नाम नहीं ले रही है।
वर्तमान में सुंदरहा नाला और गुरसियां-शिवपुर मार्ग में लुदी नाला पर बिलासपुर के ठेकेदार जो DFO कुमार निशांत के मित्र बताये जाते हैं, के जरिए SDO संजय त्रिपाठी के अप्रत्यक्ष देखरेख में निर्मित कराये जा रहे स्टाप डेम के बारे में जब हमने इससे जुड़े जानकारों से जानकारी ली तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां किस तरह से गड़बड़ घोटाले हो रहे हैं। बताया गया कि तकनीकी मापदंडों का पूरा-पूरा उल्लंघन हो रहा है जिससे गुणवत्ता टिकाऊ नहीं होगी। समय रहते इसकी जांच शीर्ष अधिकारियों द्वारा स्वयं तकनीकी टीम के माध्यम से कराया जाना जरूरी है। वैसे भी स्टाप डेम के नाम से इनके भ्रष्ट कारनामे, बिना स्वीकृति ही पुनरीक्षित राशि हासिल करने की कोशिश उजागर हो चुके हैं लेकिन इस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित है।
0 जानें किस तरह खेल रहे गुणवत्ता से
तकनीकी जानकार ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि एसडीओ के द्वारा 50% पर काम करने के लिए तैयार करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं बनी तो बिलासपुर के ठेकेदार को तैयार कर लिया गया। अब वह आधा-अधूरा गुणवत्ताहीन काम करके तो निकल जाएगा जिसकी जवाबदारी कौन लेगा? वर्ष 2022 के निविदाकार से सामानों की खरीदी कमीशन हासिल करने के चक्कर में कराई जा रही है। जैम पोर्टल दरकिनार कर दिया गया है। स्टाप डैम में छड़ का उपयोग बिलकुल भी नहीं किया जा रहा है क्योंकि स्टीमेट में छड़ है ही नहीं। पुराने स्टीमेट को रिवाइज कराना था लेकिन पुराने स्टीमेट पर ही सारा काम हो रहा है। स्टाप डेम के लिए खोदी जाने वाली गहराई कम से कम 6:50 फीट होना ही चाहिए किंतु दो फीट खोद कर काम कराया जा रहा है। इसकी चौड़ाई 7 मीटर निर्धारित है किंतु 3 मीटर में ही निर्माण कार्य हो रहा है। अब भला 50% में जो काम होगा, उसकी गुणवत्ता समझी जा सकती है। इसके पहले भी ऐसे कारनामे कटघोरा वन मंडल के पूर्व अधिकारियों द्वारा किए जा चुके हैं लेकिन यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।