0 जिले के कर्मचारी संघ हुए लामबंद
कोरबा। प्रदेश भर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलनरत रहा । कोरबा जिले में भी 4 चरणों में आंदोलन चला। जिसमें मशाल रैली व चौथे चरण में 27 सितंबर को जिले के हजारों कर्मचारी-अधिकारियो ने अवकाश पर रहकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा।
फेडरेशन की चार सूत्री मांगों में एक मांग देय तिथि जनवरी 2024 से 4% DA व जनवरी 2019 से अनियमित DA को PF खाते में समायोजित करने की थी।
राज्य शासन द्वारा दिनांक 16.10.24 को जब लंबित 4% DA अपने जन घोषणा पत्र व फेडरेशन के मांगों के पूर्ण प्रतिकूल देय तिथि के स्थान पर दिनांक 01.10.2024 से देने की घोषणा की गई , तो प्रदेश के सैकड़ो कर्मचारियो के साथ कोरबा के नित्यानंद यादव व्याख्याता व जिला सहसंयोजक, फेडरेशन ने भी भावावेश में अपनी भावनाएं सोशल मीडिया पर प्रकट की। जिस पोस्ट को संज्ञान में लेते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने उन्हें दिनांक 18.10.2024 को निलंबित कर दिया।
निलंबन आदेश वायरल होते ही प्रदेश भर के कर्मचारियों में विभाग की कार्यवाई पर आक्रोश व्यक्त किया जाने लगा। कर्मचारी संघो का मानना है कि अपने हक व अधिकार की मांग रखना हर सरकारी कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है।
सोशल मीडिया पर किया गया पोस्ट गैर राजनीतिक व एक सामान्य पोस्ट था और नित्यानंद यादव ने अपना पोस्ट डिलीट भी कर दिया है
कोरबा जिले में निलंबन कार्यवाही पर कर्मचारियों में काफी आक्रोश व्याप्त है और निलंबन रद्द करने हेतु कल दिनांक 22.10.2024 को जिले के प्रमुख संघो द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपने का कार्यक्रम रखा गया है।
शिक्षक संघ के पदाधिकारी विपिन यादव द्वारा जिले के समस्त शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक संघो के पदाधिकारियो से कल 22.10.24 को 4:30 कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौपने के कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आव्हान किया है