कोरबा लोकसभा:अशोक चावलानी भाजपा से सशक्त,लखन की तरह लोगों में प्रिय
0 जिला से लेकर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय,मोदी-शाह ने भी परखा
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब कुछ ही महीने के भीतर लोकसभा 2024 का चुनाव होना है। केंद्र सरकार के द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां अभी से भीतर ही भीतर शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही लोकसभा में ज्यादा से ज्यादा सीट जीतकर मजबूत सरकार बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके लिए जरूरी है कि लोकसभा क्षेत्र में ऐसे दमदार और लोगों के बीच सर्वमान्य निर्विरोध एवं सशक्त प्रत्याशी को उतारा जाए जो सांगठनिक क्षमता से लेकर राजनीतिक अनुभव भी रखता हो। कोरबा लोकसभा अपने आपमें महत्वपूर्ण है। आदिवासी बाहुल्य औद्योगिक जिला कोरबा की चार विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ पड़ोसी जिले के अन्य चार विधानसभाओं को लेकर कुल 8 विधानसभा सीटों में समाहित कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए एक ऐसे ही प्रत्याशी की तलाश होने लगी है।
हालांकि केंद्रीय संगठन के द्वारा अपना आंतरिक सर्वे कराया जाता है लेकिन लोगों के बीच चर्चाओं में भी कुछ नाम रहते हैं जिन्हें जनता अपने जनप्रतिनिधि के रूप में दिल्ली की संसद में देखना पसंद करती है। ऐसे लोगों के नाम की सूची में शामिल एक नाम अशोक चावलानी का भी है। कोरबा जैसे हाई प्रोफाइल और महत्वपूर्ण विधानसभा सीट पर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सहज, सरल और सौम्य लखन लाल देवांगन को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की। कुछ इसी तरह के सरल, सहज और सबके बीच लोकप्रिय और खासकर स्थानीय नेतृत्व अशोक चावलानी भी हैं। ना काहू से दोस्ती और ना काहू से बैर की तर्ज पर अपने संगठन के कार्य को काफी अहमियत देने वाले अशोक चावलानी जिले की भाजपा राजनीति के चाणक्य भी कहे जाते हैं।
उनके संचालन में कोरबा विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ। केंद्रीय नेतृत्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और अन्य दिग्गज संगठन पदाधिकारियों के द्वारा श्री चावलानी को कोरबा में विजय हासिल करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंप गई थी जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया।
अब, जब बात लोकसभा चुनाव की चली है तो ऐसे में कोरबा लोकसभा के लिए अशोक चावलानी एक बेहतर और उत्कृष्ट दावेदार के रूप में सामने लाए जा रहे हैं। श्री चावलानी न सिर्फ पब्लिक वॉइस हैं बल्कि संगठन में उन्होंने जमीन से लेकर राजनीति शुरू की और आज प्रदेश व देश में भी अपनी सांगठनिक क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं।
0 खामोशी से सधी हुई रणनीति पर काम करते हैं
अशोक चावलानी को संगठन का काफी लंबा अनुभव है और वह विभिन्न पदों पर रहते हुए बड़ी खामोशी से सधी हुई राजनीति के तहत अपना काम करते हैं। उन्होंने न सिर्फ जिले में संगठन को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है बल्कि समय-समय पर और खासकर चुनाव के दौरान उनके इस सांगठनिक अनुभव का लाभ भी उठाया जाता रहा है।
0 अभाविप से किया राजनीतिक प्रवेश
छात्र राजनीति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से उन्होंने 1981-82 में शुरू किया। इसके बाद वार्ड अध्यक्ष चुने गए, फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा में ब्लॉक महामंत्री का दायित्व निभाया। वह अविभाजित मध्य प्रदेश के अविभाजित बिलासपुर जिले में कोषाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी जिला जांजगीर और कोरबा में कोषाध्यक्ष का दायित्व निभाने के साथ वर्ष 2008 से 2010 के मध्य भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे। 2004 से 2009 तक नगर पालिक निगम,कोरबा में सभापति का दायित्व बखूबी निभाया और फिर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य में 2010 से शामिल हुए । 2013 में कटघोरा विधानसभा और वर्ष 1999, 2014 एवं 2019 में कोरबा लोकसभा चुनाव के संचालक भी रहे। उन्हें धरमजयगढ़ विधानसभा का प्रभारी भी नियुक्त किया गया। वह भारतीय जनता पार्टी के जिला सह प्रभारी जांजगीर-चांपा के साथ-साथ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य का भी दायित्व वर्तमान में निर्वहन कर रहे हैं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोरबा में कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त कर लखन लाल देवांगन को ऐतिहासिक मतों से जीत दिलाने में काफी सक्रिय और अहम भूमिका का निर्वहन किया है। विभिन्न समाजों में भी उनकी अच्छी पकड़ है। कोरबा लोकसभा के आठों विधानसभा क्षेत्र में वह काफी सक्रियता से कम कर चुके हैं और कार्यकर्ताओं के बीच में काफी लोकप्रिय और जुझारू, कर्मठ पदाधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। हर तरह के हालातों से जूझने वाले अशोक चावलानी निश्चित ही भाजपा के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं और कोरबा लोकसभा के लिए अब उपयुक्त दावेदार भी हैं।