0 बच्चों में संस्कार का बीज बोएं, क्योंकि शिक्षा संस्कार के बिना अधूरी
कोरबा। पं.रविशंकर नगर स्थित सेट पैलोटी स्कूल के समाने राठौर परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचक राहुल कृष्ण महाराज ने भगवान कृष्ण की लीला और कृष्ण-सुदामा के बीच अकाट्य मित्रता का वर्णन करते हुए कथा को विराम दिया। इस अवसर पर मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी कथा श्रवण कर पुण्य लाभ व आशीर्वाद लिया।
राहुल कृष्ण महाराज ने संगीतमय कथा के माध्यम से बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने एक दरिद्र ब्राम्हण के अनाज के एक दाने का मोल चुकाया और सुदामा की दरिद्रता दूर कर जीवन का वैभव प्रदान किया। कृष्ण-सुदामा चरित्र के माध्यम से बताया कि मित्रता हो तो ऐसी, जैसी कृष्ण और सुदामा की थी। भगवान को भोग कैसे भी लगाओ,मन में भाव पूर्ण होना चाहिए। सुदामा की पत्नी ने भगवान कृष्ण को अनाज का एक दाना खिलाया, उसी में भगवान कृष्ण प्रसन्न हुए और सुदामा को जीवन का हर वैभव प्रदान किया। उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष करना मत छोड़ो, इसका प्रतिफल आज नहीं तो कल सुखद भविष्य के रूप में अवश्य मिलेगा। मित्रता करना सरल है, लेकिन इसे निभाना कठिन है। सुख में न सही दुख में मित्रता की परीक्षा होती है और जो परीक्षा में पास हो जाता है, वही सच्चा मित्र होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार का बीज बोएं, क्योंकि शिक्षा संस्कार के बिना अधूरी है और संस्कारवान शिक्षित बच्चे ही समाज और राष्ट्र का भला कर सकते हैं।
आयोजक कृष्ण कुमार राठौर ने बताया कि 31 दिसंबर को दोपहर 1 बजे ब्राम्हण भोज एवं भोग भंडारा का आयोजन सेट पैलाटी स्कुल के सामने किया गया है। मुख्य यजमान तुलाराम राठौर व श्रीमती लक्ष्मी बाई तथा कृष्ण राठौर व श्रीमती रमा राठौर ने भोग-भंडारा में अधिक से अधिक संख्या में नगरजनों से उपस्थिति का आग्रह किया है।