कोरबा। पूर्व समझौते के अनुरूप एसईसीएल में अप्रेंटिसों को रोजगार दिलाने की मांग को लेकर भारतीय आईटीआई अप्रेंटिस संघ ने कोरबा प्रवास पर आए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को ज्ञापन सौंपा।
अप्रेंटिस संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार निर्मलकर ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि 23 सितंबर 2022 को अप्रेंटिस को रोजगार देने का समझौता एसईसीएल के साथ पूर्व की बैठक में हुआ है जिसके तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। एसईसीएल प्रबंधन ने अभी तक समझौता के अनुसार एक भी अप्रेंटिस को रोजगार नहीं दिया है, जबकि समझौता हुये 1 वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत हो गया है। समझौता के बाद अप्रेंटिस को रोजगार न देकर एसईसीएल प्रबंधन ने हजारों की संख्या में अन्य श्रमिकों की भर्ती की गई है। जबकि एसईसीएल में लगभग 2 लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी रिटायमेंट हो चुके हैं। वर्तमान में लगभग 35 हजार नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं और आउटसोर्सिंग के अंतर्गत 40 से 50 हजार श्रमिक कार्यरत हैं। उसके बावजूद भी एसईसीएल अप्रेंटिसों को रोजगार देने में कोताही बरत रही है जबकि एसईसीएल आईआर हेड बिलासपुर द्वारा मार्च 2023 के बाद से रोजगार देने का प्रारंभ करेंगे, यह कहकर संघ को आश्वस्त किया गया था लेकिन अभी तक एक भी अप्रेंटिस को रोजगार नहीं दिया गया है। केन्द्रीय मंत्री को बताया गया कि विधानसभा कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार, रामपुर, मनेंद्रगढ़, भटगांव, भरतपुर-सोनहत, प्रेमनगर, मरवाही, अंबिकापुर, रायगढ़, बिलासपुर इन सभी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान अप्रेंटिसों ने भी बढ़-चढ़कर कार्य किया है। श्री निर्मलकर ने केन्द्रीय मंत्री से अपेक्षा जाहिर की है कि इन्हें रोजगार मिल जाने से खुशी होगी और सरकार बनाने में सहयोग भी मिलेगा। छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्र में संचालित निजी व सार्वजनिक उद्योगों सहित छोटे-छोटे उद्योगों में लगभग 50 हजार युवाओं ने अप्रेंटिस किया है। इन्हें रोजगार से जोड़ने पर निश्चित ही इसका लाभ आगामी चुनाव में मिलेगा।