0 बालिका गृह की किशोरी ने टॉयलेट में की खुदकुशी, अप्रत्याशित घटना से शोक व्याप्त
कोरबा। अभी तो वह अपनी बहनों और सहेलियों के साथ हंस-खेल रही थी, कुछ सिखा रही थी….फिर एकाएक टॉयलेट की तरफ गई और कुछ देर बाद सब सन्न रह गए जब पता चला कि उक्त किशोरी ने टॉयलेट में रोशनदान के सहारे चुनरी (दुपट्टा) से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। किशोरी ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया, यह बड़ा सवाल रह गया है जिसकी तलाश में पुलिस से लेकर प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी भी लगे हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक सिविल लाइन थाना अंतर्गत तहसील मार्ग में बालाजी मंदिर के आगे संचालित बालिका गृह में रह रही अनाथ तीन बहनों में से सबसे छोटी 14 वर्षीय किशोरी ने रविवार को शाम के वक्त खुदकुशी कर ली। इसकी जानकारी जैसे ही बालिका गृह के केयर टेकर से लेकर संचालिका भाजपा नेत्री रुक्मणी नायर को हुई और खबर बालिका गृह की अन्य बालिकाओं को मिली, इनमें कोहराम मच गया और शोक की लहर दौड़ पड़ी। सूचना मिलते ही सिविल लाइन पुलिस,एएसपी-सीएसपी से लेकर प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी भी बालिका गृह पहुंचे। मामला काफी संवेदनशील और अनेक सवालों से घिरा हुआ भी है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह थी कि किशोरी को खुदकुशी करना पड़ गया। आज वैधानिक कार्रवाई और पोस्टमार्टम उपरांत शव बालिका के रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार होगा। इधर बालिका गृह में मौजूद सीसीटीवी कैमरे के फुटेज सुरक्षित करवा लिए गए हैं ताकि जांच में मदद मिल सके।
0 कभी गुमशुम तो कभी चंचल रहती थी
मृतका किशोरी कोतवाली थाना क्षेत्र के धनुहार पारा पुरानी बस्ती मोहल्ला की रहने वाली थी। उसके पिता की मौत हो जाने के बाद माँ ने भी नाता तोड़ लिया और दूसरा विवाह करके चली गई तो रिश्तेदारों ने कुछ समय अनाथ हुई बेटियों को अपने साथ रखा। इसके बाद उक्त किशोरी सहित उसकी दो और बड़ी बहनों को बालिका गृह में दाखिल करा दिया। तब से तीनों बहनें बालिका गृह की अन्य कुल 64 बालिकाओं के साथ रह रही हैं। इन्हीं में 14 वर्षीय किशोरी ने खुदकुशी की है और यह पहला मामला है जिसने कई सवालों के घेरे में बालिका गृह को घेर दिया है। बताया जा रहा है कि उक्त किशोरी का स्वभाव जल्द किसी को समझ में नहीं चल पाता था। कभी वह गुमसुम रहती थी तो कभी काफी घुल मिलकर खेल कर बातें किया करती थी। उसका स्वभाव एक तरह से रहस्यमय बना रहता था। कोरबा में रह रहे परिजन इन बच्चों से मिलने के लिए आते रहते थे। इस बालिका को कांकेर की एक दंपत्ति ने गोद लिया था और लगभग 4 साल तक बालिका उनके साथ रही, लेकिन स्वभावगत कारणों से एडजस्टमेंट नहीं हो पाने के कारण करीब 6 माह पहले किशोरी को वापस बालिका गृह छोड़कर वह लौट गए। सूत्र बताते हैं कि यह बालिका काफी अच्छा अभिनय भी कर लेती थी जिसके कारण एक बार तो बालिका गृह प्रबंधन में खलबली भी मच गई थी। अब रविवार की इस घटना से कुछ समय पहले तक वह अन्य बालिकाओं से काफी घुल मिलकर और हंस-हंसकर खेलते हुए बातें कर रही थी, गणेश उत्सव के आयोजन में भी शामिल हुई थी और कुछ बनाना भी सीख रही थी लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा कुछ जरूर हुआ कि उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।अब इस वजह की तलाश में अधिकारी गण जुट हुए हैं। मामले को लेकर गहन छानबीन होने के साथ-साथ अन्य बालिकाओं से भी पूछताछ की प्रक्रिया हो रही है।