0 मौजूदा कई हितग्राहियों के खाते में राशि नहीं आने की शिकायतें भी
कोरबा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा महतारी वंदन योजना में प्रतिमाह विवाहित महिलाओं सहित परित्यक्ता, तलाकशुदा,विधवा को ₹1000 देने का ऐलान किया गया। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा को अमल में लाया और महतारी वंदन के हितग्राहियों के खाते में प्रतिमाह ₹1000 बिना किसी रूकावट के भेजे जाने लगे। प्रतिमाह ₹1000 मिलने से अनेक जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती मिली है जिसमें कोई संदेह नहीं।
प्रारंभिक चरण में आवेदन प्राप्त कर जमा करने के लिए महिलाओं में होड़ मची रही लेकिन कई ऐसी भी महिलाएं रही जो कोई ना कोई दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण अथवा किस न किसी कारण से आवेदन करने से वंचित रह गई हैं। ऐसी महिलाओं को फिर से आवेदन का इंतजार है। पूर्व में मची भगदड़ को लेकर यह स्पष्ट किया गया था कि महतारी वंदन योजना एक सतत प्रक्रिया के रूप में चलेगी और जो छूट गए हैं उनसे आवेदन भरवाया जाएगा लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक इसके लिए कोई भी कार्रवाई शुरू नहीं होने से महिलाओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। छूटी हुई महिलाएं बार-बार इस बात की जानकारी संबंधित लोगों से लेते नजर आती हैं कि हमारा आवेदन कब भराया जाएगा। दूसरी तरफ मौजूदा हितग्राहियों में से अनेक हितग्राही महिलाएं आज भी ऐसी हैं जिन्हें जिन्हें किसी पेंशन का लाभ लिए बिना ही ₹1000 की बजाय ₹500 मिल रहे हैं। कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जिन्हें जून महीने के बाद से ₹1000 मिलना बंद हो गया है। दफ्तरों का चक्कर काटने पर बैंक जाने कहा जाता है और बैंक में जाने पर आधार कार्ड, बैंक पासबुक को लिंक करने और डीबीटी करा लेने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है। शासन को चाहिए कि एक बार फिर से ऐसे वंचित और अधूरा लाभ प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को पूरा लाभ दिलाने के लिए कार्य करें। साथ ही छूटे हुए हितग्राहियों के भी आवेदन भरवाने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए।
0 तकनीकी गड़बड़ियों का भुगत रहे खामियाजा
महतारी वंदन योजना में प्रारंभिक चरण के आवेदन लिए जाने और उन्हें कंप्यूटर में एंट्री करने के दौरान हुई काफी गड़बड़ियां बाद में उजागर होती रहीं। जैसे कि -आवेदन संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सीमा क्षेत्र में रहने वाले आवेदकों से लिए जाकर उसी आंगनवाड़ी केंद्र के अंतर्गत भरे जाकर लाभान्वित किया जाना था ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी हो तो संबंधित कार्यकर्ता उस पर सुधार कर सकें, लेकिन च्वाइस सेंटरों, नगर निगम में जितने भी आवेदन भरवाए/जमा कराए गए, उन्हें एंट्री करने में आंगनबाड़ी केंद्र का नाम व कोड नम्बर की बजाय वार्ड स्तर पर एंट्री कर दी गई, जिससे संबंधित केंद्र के हितग्राहियों को उस वार्ड के या आसपास के वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज कर दिया गया। ऐसे में सुधार करने के समय हितग्राहियों को इधर से उधर चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आज भी ऐसे कई हितग्राही हैं जो जिस क्षेत्र में रहते हैं, लेकिन उनके आवेदन दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत दर्ज हो जाने से संबंधित कार्यकर्ताओं का चक्कर काटना पड़ रहा है और दोनों परेशान हैं। इसी तरह डीबीटी सिस्टम से राशि ट्रांसफर करने के कारण कई हितग्राही के वर्तमान चालू व दिए गए नम्बर वाले खाता की जगह वर्षों से निष्क्रिय पड़े आधार लिंक खातों में राशि जमा होने लगी, तो कई ऐसी महिलाएं जिन्होंने अपने छात्र जीवन में खाता खुलवाया था और वह खाता उनके मायके में है, उनके खाते में राशि जमा होने लगी। हालांकि बाद में उन्होंने दौड़भाग करके सुधार तो करवा लिया लेकिन आज भी सैकड़ों ऐसे आवेदक हैं जो भटक रहे हैं। दूसरे चरण में इस तरह की खामियों को ध्यान में रखने की अत्यंत आवश्यकता है ताकि हितग्राहियों को परेशान ना होना पड़े और आवेदन संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र से ही लिए जाएं, एंट्री किए जाएं ताकि किसी को भी भटकना न पड़े।