रायपुर/कोरबा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच, छत्तीसगढ़ ने संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग छ.ग. शासन-रायपुर को अनेक बिंदुओं पर मांगपत्र सौंपा है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक 20 सितम्बर को संचालक के साथ हुई जिसमें जिन बिन्दुओ पर चर्चा हुई है, उन समस्याओ का निराकरण करते हुये बैठक की कार्यवाही विवरण और अतिम आदेश की प्रति संघ प्रतिनिधियो को उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया। बैठक में संघ की तरफ से श्रीमती सरिता पाठक, प्रान्ताध्यक्ष छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ, श्रीमती रुक्मणी सज्जन, प्रान्ताध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन छ.ग., श्रीमती हेमा भारती, अध्यक्ष प्रगतिशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ व श्रीमती कल्पना चंद अध्यक्ष संघर्षशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन छ.ग. उपस्थित रहे।
संघ की कोरबा जिलाध्यक्ष वीणा साहू ने बताया कि बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में दिनचर्या की ब्यवहारिक समस्या और मेहनतकश महिला कर्मियों को जो मूलभूत सुविधा और लाभ केन्द्र और राज्य सरकार से मिलनी चाहिये उन पर ध्यानाकर्षण करने हेतु निम्न बिन्दु प्रस्तुत किए गए :-
1* एक समय में एक ही कार्य लिया जावे। विभागीय कार्यों के अलावा और कोई कार्य ना लिया जावे।।अभी वर्तमान में बीएलओ/जाति जनगणना वजन त्योहार और पोषण योजना के कार्य की एक साथ जिम्मेदारी कार्यकर्ताओ को दिया गया और सभी कार्य को महत्वपूर्ण और समय सीमा में पूरा करने का निर्देश है, यह कैसे संभव। एक आदमी वह भी महिला को कोल्हू की बैल क्यों समझा जा रहा है. हमारी तकलीफ और समस्या का विभाग निवारण करे।
2* आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका मानसेवी है और उनके ऊपर ड्रेस कोड लागू किया गया है जो उचित नहीं है वर्तमान मे जो साड़ी प्रदाय किया गया वह गुणवता विहिन है. उसकी क्वालिटी और कलर भी सही नहीं है इसे वापस लिया जावे। और यदि ड्रेस अनिवार्य है तो इसके लिये अन्य विभाग जहां ड्रेस अनिवार्य वहां जैसे हमे भी प्रति माह प्रत्येक कार्यकर्ता सहायिकाओ को 500/- धुलाई भत्ता दिया जावे। ड्रेस के कारण मानदेय काटने की प्रताड़ना पर रोक लगाई जावे।
3° मानदेय नियमित और पूर्ण (राज्य/केन्द्र सरकार का) रूप से समय पर प्राप्त नहीं हो रहा है, केंद्र और राज्य सरकार के बजट से प्राप्त मानदेय एक साथ माह के 5 तारीख तक भुगतान किया जावे।
4* पोषण आहार, गर्भवती महिला, सूखा राशन इत्यादि समय पर नियमित रूप से प्राप्त नहीं हो पा रहा है, इसकी समीक्षा कर नियमित आपूर्ति किया जावे।
5* सभी केंद्रों में गैस सिलेंडर और चूल्हा प्रदान किया जावे और इसकी नियमित रिफिलिंग की व्यवस्था सुगम बनाया जावे।
6* भवन किरायाः आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन किराया वर्तमान में बहुत कम है ग्रामीण क्षेत्रों में 3000 और शहरी क्षेत्र में 6000 प्रतिमाह संशोधित किया जावे, संचालनालय द्वारा इसमें की गई वृद्धि को भी मैदानी क्षेत्र के अधिकारी मान्य नहीं कर रहे हैं।
7* नियमितीकरण :- पंचायती राज के अधीन छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेवियों को सरकार नीति बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है, लेकिन हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत हैं, लेकिन हम आज भी मानसेवी हैं, आपसे हमारी अनुरोध है, कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को नियमित करते हुए शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे।
8* जीने लायक वेतनः- शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को ₹21000/ और सहायिका को ₹16800/जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जावे।
9* सेवानिवृत्ति पश्चात पेंशन ग्रेजुएटिः 35-40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु ना तो कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एकमुश्त राशि, कार्यकर्ता को ₹10000/और सहायिका को ₹8000/मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन यापन के लिए कार्यकर्ता को 5 लाख रुपयेऔर सहायिका को 4 लाख रुपये एकमुश्त ग्रेजुएटि राशि प्रदान किया जावे।
10° महंगाई भत्ता:- मानदेय को महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाय, महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाय।
11* पदोन्नति बाबत :- वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को पदोन्नति के पद, रिक्त होने के बाद भी 50% का प्रतिबंध होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। 50% का बंधन को समाप्त किया जाय और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्ठता क्रम में बिना परीक्षा के सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पद पर लिया जाय। इसी तरह सहायिकाओ को भी 50% के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होने पर शत प्रतिशत वरिष्टता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति किया जावे ।
12° अनुकंपा नियुक्ति: कार्यकर्ता सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिया जावे ।
13° समूह बीमा योजना लागू करनाः भविष्य की सुरक्षा के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समूह बीमा योजना (GIS) में जोड़ा जावे, इस हेतु नीति निर्धारण किया जावे।
14* शासकीय कर्मचारी की तरह कैशलेश चिकित्सा सुविधा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के लिए भी लागू किया जावे।
15° विभाग में आने वाली समस्या या अपनी जायज मांग को संघ पदाधिकारियो द्वारा उठाये जाने पर विभागीय अधिकारियो द्वारा समस्या का निराकरण करने की बजाय नेतागिरी की संज्ञा देकर पदाधिकारियो को प्रताड़ित किया जाता है। इस प्रकार के कृत्यों पर रोक लगाई जाये और संघ के पदाधिकारियो के द्वारा समय-समय पर सौपे गये समस्या के निराकरण हेतु अधिकारियो को निर्देशित किया जावे।
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