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फसलों पर संकट,गौमाता का जीवन खतरे में,किसान चिंतित, गौठान उजाड़

0 गांव-गली पर घूम रहे गौवंश, कहीं नहीं मिल रहा ठिकाना

कोरबा-कोरबी चोटिया। ग्राम कोरबी सहित चोटिया क्षेत्र में लगभग 500 पशुओं का जमवाडा है। ये गौवंश कुछ तो आसपास के गांव के हैं, परंतु ज्यादातर गोवंश बाहर से लाकर छोड़ दिया गया है जो दिन ढलते ही गांव की ओर कूच करते हैं और मौका पाते ही खडी फसलो को चरने खेतों मे घुस जाते हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इधर लगभग तीन दर्जन से अधिक हाथियों ने प्रतिदिन किसानों के खड़ी फसल को चौपट करना जारी रखा है। आये दिन किसान अपने जान को जोखिम में डालकर मेहनत की कमाई खड़ी फसल को रात दिन रखवाली कर हाथियों को खदेड़ रहे हैं, गरीब किसान को अनेक तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी खेतों मे फसल पकने के कगार पर है। यदि अभी फसल को खा जायेगे तो पूर्णतः नुकसान है ।किसान अपने फसलो की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं परंतु गौवंश की रक्षा की चिंता किसी को नही है।

पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गौठान का निर्माण कराया गया था। उसका मुख्य उद्देश्य था गोवंश का संरक्षण परंतु वर्तमान सरकार द्वारा गौठान को किसी प्रकार से संचालन की कोई चिंता ही नही है। सरकार के करोडो-अरबो रूपये की लागत से बनाया गया गौठान उपयोग विहिन हो गया है। यदि सरकार इस पर ध्यान देती तो ना गौवंश खतरे पर होते और ना किसान परेशान होता। अब सवाल उठता है कि उन बेजुबानो जो दर- दर की ठोखर खा रहे हैं, निरिह प्राणी को हर कोई डंडा मार कर दौडा रहा है तो कहीं गाडी से ठोखर खा कर मौत के मुह मे समा रहे हैं ।आखिर गौमाता की इस दुर्दशा का जवाबदेह कौन ..?

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