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KORBA:HPC दर के लिए खदान बन्द किया सराईपाली के भू विस्थापितों ने

0 उत्पादन और डिस्पेच पूरी तरह ठप्प

0 पिछले दो साल में तीन बार त्रिपक्षीय समझौता के बाद भी बोर्ड नहीं कर सका समाधान

कोरबा-पाली। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की खुली खदान सराईपाली बुड़बुड़ में भूविस्थापितों ने 5 नवम्बर से खदान को फिर से बंद करा दिया है । अपने पुनर्वास (बसाहट ) का मुआवजा राशि मे बढ़ोतरी और आउट सोर्सिंग कंपनी में काम करने वाले ड्राइवर हेल्परों की एच पी सी दर से वेतन के साथ मेडिकल , सुरक्षा उपकरण सहित अन्य मांगों को लेकर चौथी बार खदान बंद कराया गया है ।

एसईसीएल की कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सराईपाली परियोजना में ग्रामीणों की विरोध के कारण 20 साल के लंबे इंतजार के बाद 2021 में शुरू हो पाया था । इस परियोजना को मध्यप्रदेश पुनर्वास निति के तहत अर्जन की प्रक्रिया पूरी की गई थी और उसी नीति के आधार पर हर खातेदार को एक रोजगार दिया जाना था किंतु प्रशासन की मदद से एसईसीएल ने कोल इंडिया पालिसी के अनुसार रोजगार प्रदान किया जिससे छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित होना पड़ा । यहां के भुविस्थापित परिवारों को जमीन के बदले मात्र 1.24 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया और अब बसाहट के एवज में 3 लाख रुपये दिया जा रहा है जबकि मेगा प्रोजेक्ट दीपका ,गेवरा और कुसमुंडा में 10 लाख तथा प्रोत्साहन राशि 5 लाख रुपये दी जा रही है ।

सराईपाली बुड़बुड़ के ग्रामीणों ने भी मेगा प्रोजेक्ट में दिए जाने वाले मुआवजा 15 लाख की मांग करते हुए पिछले दो साल से आंदोलन कर रहे हैं । इन दो सालों में तीन बार एसईसीएल के उच्चाधिकारियों सहित ,जिला प्रशासन के मध्य तीन बार त्रिपक्षीय वार्ता किया गया और हुए समझौता के अनुसार 8 लाख रुपये बसाहट राशि दिए जाने का लिखित समझौता हुआ है जिसे मुख्यालय के बोर्ड में अब तक निराकरण नही किया जा सका है पिछली समझौता 14 जून 2024 को हुआ था जिसमे 4 माह में भुगतान करने का आश्वसन मिला था पर समय अवधि में कोई समाधान नही मिलने पर पुनः अनिश्चित कालीन खदान बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया गया है ।

भूविस्थापित कल्याण समिति बूड़बूड़ के अध्यक्ष तिरिथ राम केशव ने कहा है कि जब तक पिछली बार हुए समझौता के अनुसार 8 लाख रुपये बसाहट राशि और आउट सोर्सिंग कामगारों को हाई पावर कमेटी के अनुसार पेमेंट नही दिया जाता है तब तक आंदोलन को वापस नही लिया जाएगा ।

आंदोलन को सम्बोधित करते हुए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है एसईसीएल को यूनिफार्म नीति पर काम करना होगा मेगा प्रोजेक्ट में लागू सभी नियम हर खदान में लागू किया जाए खदान में काम करने वाले सभी ठेका कामगारों को कम से कम HPC और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबन्धन की है ।

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