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नमामि हसदेव के अध्यक्ष ने अन्न त्यागा,आयोजन की अनुमति नहीं मिलने से व्यथित

कोरबा। “हर नदी का हो सम्मान, हम पूजे माँ गंगा समान” ध्येय के साथ नमामि हसदेव के द्वारा हसदेव नदी के प्रदूषण को कम करने, हसदेव नदी के संरक्षण करने तथा हसदेव नदी के घाट का सौन्दर्याकरण करने का कार्य किया जा रहा है। उक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए विगत एक वर्ष से अर्थात कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली 27 नवम्बर 2023 से माँ सर्वमंगला घाट, कोरबा पर प्रत्येक मास की पूर्णिमा को हसदेव आरती की जाती है और प्रत्येक माह के तृतीय रविवार को प्रातः घाट की साफ-सफाई की जाती है।

रणधीर पांडेय (अध्यक्ष) नमामि हसदेव, रविशंकर मिश्रा, मोहनधर दीवान, शैलेश पांडेय एवं अन्य ने 9 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं हसदेव महाआरती के संबंध में 11/11/2024 को प्रेस क्लब, तिलक भवन, कोरबा में पत्रवार्ता आहूत की। इन्होंने बताया कि नमामि हसदेव द्वारा 22 जनवरी 2024 को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर 51 कुण्डीय महायज्ञ, हसदेव महाआरती, 51 हजार दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का आयोजन किया गया था।

हसदेव माता का मानव जीवन के विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका है, हसदेव माता से हमे पीने का पानी और नहाने का पानी मिलता है, खेती होती है, बिजली पैदा होती है, औद्योगिक काम होते हैं, जलवायु नियंत्रण होता है, पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलती है, हसदेव माता आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की भी स्त्रोत है, इसलिये हसदेव माता के रक्षण, संवर्धन और पोषण के लिये 9 कुण्डीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ कार्तिक द्वादशी, त्रयोदशी/चतुर्दशी, पूर्णिमा 13,14,15 नवम्बर 2024 एवं हसदेव महाआरती कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर 2024 सायं 5 बजे माँ सर्वमंगला घाट, कोरबा पर आयोजन रखा गया था, लेकिन निजी स्वार्थ के लिये कुछ लोग महायज्ञ एवं महाआरती में विघ्न डालने का कार्य रहे हैं, जिसके कारण अभी तक प्रशासन ने अनुमति प्रदान नहीं की है, इसलिये प्रशासन के द्वारा अनुमति प्रदान न किए जाने की स्थिति में नमामि हसदेव द्वारा उक्त आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। नमामि हसदेव के द्वारा पंच तत्व को शुद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे मनुष्य को आनन्द की अनुभूति होगी और मोक्ष की प्राप्ति होगी।

रणधीर पाण्डेय ने कहा कि माँ सर्वमंगला घाट, कोरबा पर श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ और महाआरती संपन्न होने तक अन्न ग्रहण नहीं करूंगा।

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