KORBA:सेठ जी का सरकारी जमीन पर कब्जा जारी,मिल रहा समर्थन….?
कोरबा-कटघोरा। कटघोरा के सेठ जी प्रशांत अग्रवाल इन दिनों अपने क्षेत्र में काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का लगातार आरोप लग रहा है जबकि इस मामले में की गई शिकायत के बाद कोई भी निर्माण नहीं करने और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर स्थगन लगाया गया है, इसके बावजूद उनके लिए स्थगन आदेश ना तो कोई मायने रख रहा है और न ही प्रशासन कार्रवाई कर पा रहा है।
जिस जमीन पर यह बेलगाम निर्माण कर रहे हैं, वह शासकीय भूमि है और उनकी वास्तविक भूमि उस जमीन के पीछे स्थित है। ग्रामीणों को इस बात पर राजी करने की कोशिश करते रहे कि पीछे की जमीन सरकारी उपयोग में ले ली जाए और सामने की सरकारी जमीन वह अपने निजी उपयोग में ले लें, लेकिन क्या कभी इस तरह का समझौता हुआ है जो अब होगा? दूसरी तरफ उक्त कब्जा की जा रही जमीन के ठीक बगल में जायसवाल समाज का भवन निर्मित है और भविष्य में जब कभी भी जयसवाल समाज को अपने भवन के विस्तार करने के लिए शासन की अनुमति से भूमि की आवश्यकता होगी तब वह है कोई निर्माण नहीं कर सकेगा। इसी तरह अगर किसी अन्य भी सामाजिक संगठन को, किसी समाज को यदि सरकार भवन हेतु भूमि देना चाहे तो वह भी उक्त भूमि को नहीं दे सकेंगी क्योंकि इस पर सेठ जी अपना कब्जा जमा रहे हैं। हाल ही में प्रांत स्तरीय सहस्त्रबाहु जयंती समारोह कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष भी इस बारे में जायसवाल समाज के लोगों ने शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने तहसीलदार को फटकार लगाते हुए कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए लेकिन ना तो दिए गए स्थगन आदेश का और ना ही मुख्यमंत्री के निर्देश का असर उक्त सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कराने व कराये जा रहे बेजा निर्माण को तोड़ने की हिम्मत शासकीय अधिकारी कर पा रहे हैं। क्या यह सेठ जी का रसूख है या फिर प्रशासनिक अधिकारी अपनी कार्य क्षमता प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं…!
इधर दूसरी तरफ चर्चा गर्म है कि सेठ जी के द्वारा जायसवाल समाज के लोगों को अपने फायदे के लिए बांटने की कवायद भी की जा रही है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री के समक्ष जायसवाल समाज के लोगों ने उक्त भूमि कब्जा से मुक्त कराने का आग्रह किया है वहीं समाज के कुछ लोगों के द्वारा इस मामले में कोई शिकायत नहीं करने की बात कहते हुए प्रशांत अग्रवाल के कब्जा को एक तरह से अप्रत्यक्ष समर्थन दिया जा रहा है। क्या वह अपने समाज के लोगों को यह बता सकते हैं कि भविष्य में जब कभी भी समाज को जमीन की आवश्यकता होगी या मौजूदा सामाजिक भवन का विस्तार करना होगा, तो सरकारी जमीन कहां से लाएंगे…?
0 अपने ही समाज के लोगों की शिकायत को फर्जी बता रहे
जायसवाल समाज कल्याण समिति कटघोरा के अध्यक्ष दशरथ जायसवाल ने जायसवाल समाज के नाम से मुख्यमंत्री के नाम फर्जी ज्ञापन सौंपने की बात नायब तहसीलदार से की है। इन्होंने कहा है कि वार्ड क्र. 10 पुरानी बस्ती मल्दाघाट रोड कटघोरा में प्रशांत अग्रवाल के द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिसकी जमीन जायसवाल समाज से लगा हुआ है। निर्माण कार्य में जायसवाल समाज के नाम से मुख्यमंत्री के नाम से फर्जी ज्ञापन दिया गया था कि उक्त निर्माण कार्य जायसवाल समाज की भूमि में किया जा रहा है। जबकि जायसवाल समाज अपने पूर्ण जमीन पर काबिज है एवं उक्त निर्माण से समाज को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है।