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45 लाख ले भागी उमेश्वरी, फ्लोरा मैक्स के रिकवरी की रकम दबाए लोगों के कारण बिगड़े हालात,अखिलेश के रिहाई की मांग

कोरबा। फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर रिहाई की मांग को लेकर हजारों की तादाद में महिलाएं कलेक्टर, SP कार्यालय और सिटी कोतवाली पहुंचीं। इनका आरोप है कि खुद किये गए घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे कुछ लीडर माहौल खराब कर रहे हैं।
फ्लोरा मैक्स कंपनी के संचालक अखिलेश सिंह के पक्ष में पहुंची महिलाओं ने बताया कि पिछले 3 सालों से फ्लोरा मैक्स चैनल सिटी सेंटर मॉल में संचालित है जिसमें तीन माह पहले डकैती हुआ था। संचालक अखिलेश सिंह की तबियत खराब होने के कारण वो हास्पीटल में भर्ती थे उसके बाद घर आ गये उसके दूसरे दिन फ्लोरा मैक्स में फर्जी इन्कम टैक्स अधिकारी बनकर चोरी करने का प्रयास किया गया। उस प्रयास में उन्होंने 3 कर्मचारी और सिस्टम सिस्टम के साफ्टवेयर को उड़ाया, कुछ नगद राशि 3 से 4 लाख लेकर फरार हो गये। उसके बाद हमारे बिजनेस में गिरावट आने लगी और लेन-देन को 10 भागों में 10 टॉप टेन लीडरों में विभाजित कर दिया गया ताकि सिस्टम सुचारू रूप से संचालित हो सकें और इस पूरे सिस्टम और मैनेजमेंट का देखरेख लीडरों को सौंपा गया। लीडरों का नाम है- सरोजनी चन्द्रा, सरिता वैष्णव, पूनम, संतोषी साहू, सरोजनी वैष्णव, हेमा ताड़िया, हेम बाई यादव, गुड़िया सिंह, कल्याण नामदेव, पूनम मुदलियार। इन्हीं को पूरे फ्लोरा मैक्स चैनल सिस्टम की जिम्मेदारी सौंपी गई और कुछ सदस्यों को भी जानकारी सौंपी गया। इसके बाद लेन-देन में गड़बड़ी हुई जिसमें अखिलेश सिंह द्वारा लीडरों से ही हिसाब मांगने पर उन लोगों को लगा कि हमारे घोटाले की पोल पट्टी खुल जाएगी तब अखिलेश के ऊपर एफआईआर दर्ज कराया गया। कंपनी को पूर्ण रूप से खत्म करने के साजिश में उन्होंने और भी प्रयास किये। उमेश्वरी नायडू 100 मेम्बरों का पैसा 45,00,000/- नगद लेकर फरार हो गई जिसकी पूरी जानकारी उमेश्वरी नायडू को थी जो फ्लोरामैक्स की लीडर है। फ्लोरामैक्स के सारे मेम्बर चाहते हैं कि फ्लोरामैक्स का बिजनेस फिर से सुचारू रूप से संचालित हो ताकि सभी लोगों का बिजनेस में निवेश किया हुआ राशि उनको मिल सके।
लेकिन फिर भी कुछ लीडर जिन्होंने घोटाला किया है उस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं और भोले भाले मेम्बरों को बरगलाकर कंपनी को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें कुछ लीडरों के माध्यम से लगभग 9-10 करोड़ का सामान उनके द्वारा लिया गया और उन्होंने अपने मेम्बरों के नाम से लेकर मेम्बरों में नहीं बांटा। इस घोटाले का पर्दाफाश होने के डर से कंपनी के संस्थापक अखिलेश सिंह के उपर झूठा एफआईआर दर्ज कराया।

हम मेंम्बर मिलकर यही चाहते हैं कि बैंकों द्वारा हमको 2 माह का समय दिया जाये और फ्लोरा मैक्स चैनल में घोटाला और गड़बड़ी करने वाले पर उचित कार्यवाही की जाये ताकि फ्लोरा मैक्स चैनल फिर से सुचारू रूप से संचालित हो सके और हम सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके।

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