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KORBA की बन्द यात्री ट्रेन फिर प्रारम्भ करें,रेल मंत्री से सुनील जैन ने मांगा बीकानेर एक्सप्रेस, सौंपा ज्ञापन

कोरबा। भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री, (रेलवे एवं जल शक्ति) वी सोमन्ना 28 नवम्बर को कोरबा जिले के प्रथम प्रवास पर पहुंचे। रेलवे स्टेशन में उनसे मुलाकात कर कोरबा में रेल सुविधाओं के विस्तार के संदर्भ में रेल यात्री संघर्ष समिति, कोरबा के अध्यक्ष सुनील जैन के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। रेल मंत्री ने सभी मांगों को ध्यान से सुना एवं बंद ट्रेन के लिए तुरंत डीआरएम से चर्चा की और मीटिंग में भी आमंत्रित किया।

उन्हें ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि मौजूदा सरकार के द्वारा रेल के विकास में लगातार कार्य किया जा रहा है परंतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को सर्वाधिक आय देने वाला जोन बिलासपुर जोन के कोरबा में रेल की सुविधा नगण्य है जिससे आम जनमानस की रेलवे के प्रति काफी नाराजगी है। कोरबा को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह निम्न है –

  1. बंद यात्री गाड़ी का पुनः प्रारंभ कोरबा से प्रातः 6:50 मिनट पर यात्रीगाड़ी क्रमांक 08745 गेवरा रोड रेलवे स्टेशन से रवाना होती थी उस यात्री गाड़ी को कोविड के समय से बंद कर दिया गया है और आज तक उस यात्रीगाड़ी का परिचालन पुनः प्रारंभ नहीं किया गया है, महोदय यही यात्री गाड़ी दोपहर 1:30 बजे यात्री गाड़ी क्रमांक 8746 बनकर रायपुर से कोरबा के लिए रवाना होती थी। इस यात्री गाड़ी के रायपुर से निकलने का समय बहुत अच्छा था क्योंकि 7.30 बजे की विशाखापट्टनम कोरबा लिंक एक्सप्रेस के बाद यात्रियों को सीधे शाम को 6:00 बजे रायपुर से कोरबा आने का साधन मिलता है, जिसके बंद हो जाने से रायपुर, भाटापारा, बिलासपुर एवं नैला, जांजगीर के यात्रियों को बहुत परेशानी होने लग गई है। अत: इस यात्री गाड़ी को पूर्व की भांति परिचालन करने की कृपा करें। कोरबा की जनता आपकी सदैव आभारी रहेगी
  2. बिलासपुर से कोरबा की यात्री गाड़ी का पुनः प्रारंभ:- पूर्व में बिलासपुर से 2:30 बजे के आसपास एक पैसेंजर यात्री गाड़ी चलती थी जो शिवनाथ बनकर इतवारी-नागपुर जाती थी और वापसी में बिलासपुर तक ही इस यात्रीगाड़ी की सुविधा थी जिसे रेलवे के द्वारा एवं दूरदर्शी नीति के कारण वह यात्री गाड़ी अब सीधे इतवारी -नागपुर से कोरबा सीधी आती है। इससे यात्रियों का बहुत फायदा हुआ नागपुर से कोरबा सीधी ट्रेन सेवा हो गई जिसके लिए कोरबा की जनता आपकी
    आभारी है परंतु 2:30 बजे की यात्री गाड़ी को बंद कर देने से क्षेत्र की जनता को भारी असुविधा हो गई । बिलासपुर व्यावसायिक केंद्र के अलावा रेलवे का जोन मुख्यालय, छत्तीसगढ़ का हाई कोर्ट, SECL का हेड ऑफिस के साथ- साथ बहुत सारी ट्रेनों के यात्रियों को कनेक्शन मिलता था। अतः इसका पुनः संचालन प्रारंभ करें क्योंकि बिलासपुर में भी 11 बजे से शाम 8 बजे के बीच एक भी ट्रेन कोरबा के लिए नहीं है इससे आम यात्रियों को बहुत तकलीफ होती है और बस के ऊपर निर्भर होना पड़ता है। हमारी सुविधा को छीनने की बजाय और सुविधा प्रदान करने की कृपा करें और पुनः इस यात्री गाड़ी को प्रारंभ करने की कृपा करें। इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस को भी यदि कोरबा से प्रारंभ कर दिया जाए तो इससे 1:30 बजे की या 2:30 बजे की यात्रीगाड़ी की कमी पूरी हो जाएगी ।
  3. प्लेटफार्म नंबर 1 के संदर्भ में :- कोरबा रेलवे स्टेशन में प्लेटफार्म नंबर दो का उपयोग उसी समय किया जावे जब प्लेटफार्म नंबर एक में कोई यात्री गाड़ी न खड़ी हो क्योंकि प्लेटफार्म नंबर दो में कोयले की साइडिंग है। जिससे पूरा प्लेटफार्म नंबर दो कोयला में रहता है। यात्री गाड़ियों के खड़े होने से उसकी सीटों में पूरा कोयला जम जाता है और यात्रियों के कपड़े भी खराब हो जाते हैं और प्रदूषण का भी बहुत सामना करना पड़ता है। अतः आपसे निवेदन है कि प्लेटफार्म नंबर दो का कम से कम उपयोग करवाने की कृपा करेंगे कोरबा शहर की जनता आपकी आभारी रहेगी।
  4. लंबी दूरी की ट्रेन – बिलासपुर बीकानेर यात्री गाड़ी को कोरबा से प्रारंभ किए जाने की चर्चा हमेशा होती है। कोरबा सांसद एवं बिलासपुर की जनता के अलावा राजस्थान के भी सांसदों की इस विषय में कई बार मांग भी उठी है परंतु रेलवे के द्वारा इसे अभी तक संज्ञान में नहीं लिया गया और यह ट्रेन अभी तक चालू नहीं हो पाई है। अतः बिलासपुर-बीकानेर ट्रेन को कोरबा से प्रारंभ करने की कृपा करेंगे ।

सुनील जैन ने यह भी अवगत कराया है कि, जहां रेलवे के द्वारा हर टिकट में 40% से लेकर 60% तक का हिस्सा यह बता कर दिया जाता है कि आपको सब्सिडी दी जा रही है परंतु हम कोरबा से आपको अरबो रुपए का सालाना आय देते हैं। हम हर पल भारी असुविधा का सामना करते हैं। रेलवे क्रॉसिंग में घंटो-घंटा हम खड़े रहते हैं तो इन सुविधाओं को लेने का हमारा अधिकार बनता है। कोरबा की जनता बड़ी ही शांतिपूर्ण है परंतु अपना हक मांगने में पीछे भी नहीं रहती है। इसके साथ ही हम आपको बताना चाहेंगे की कोरबा शहर में विश्व की छठवीं सबसे बड़ी कोयले की खदान के साथ- साथ 10 खदानें कोयले की, बिजली के संयंत्र, एल्युमिनियम के संयंत्र, इंडियन ऑयल का रिफिलिंग डिपो के साथ-साथ और भी कई औद्योगिक संस्थान है। यहां पर पूरे देश के लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए कोरबा आते हैं। इनके आवागमन का एकमात्र साधन भारतीय रेल है। अतः आपसे सादर अनुरोध है की कोरबा जिले की जनता की तकलीफ को देखते हुए इन समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए सुविधा प्रदान करने की कृपा करेंगे। कोरबा की जनता आपकी हृदय से आभारी रहेगी।

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