0 सभी थाना-चौकी में आवेदन लेने की जरूरत, शहर तक कितना चक्कर काटें पीड़ित ग्रामीण
कोरबा। जिले में सनसनीखेज तरीके से उजागर हुए फ्लोरा मैक्स (फ्लोरा व्होलसेल) के कामकाज के तौर तरीके को लेकर नई-नई जानकारियां सामने आती जा रही हैं। प्रकरण में एकमात्र कोतवाली थाना में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है क्योंकि इसका दफ्तर पावर हाउस रोड स्थित सिटी मॉल में संचालित हो रहा था इसलिए थाना क्षेत्र कोतवाली होने के कारण यहां अपराध दर्ज कर इसमें आरोपियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। लेकिन जिस तरह से सभी थाना-चौकी क्षेत्र में पीड़ितों की संख्या सैकड़ों-हजारों में है, उसके लिहाज से उस ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्र की महिलाओं का बार-बार शिकायतों के लिए शहर के थाना आना मुश्किल भरा है। ऐसे में जरूरत है कि सभी थाना-चौकी में उस क्षेत्र की पीड़ित महिलाओं के आवेदन लिए जाएं ताकि ठगी का शिकार हुए लोगों का एक सही आंकड़ा और राशि की जानकारी मिल सके। इसके अलावा जो भी टीम लीडर इनके संपर्क में थे उनका भी स्पष्ट रूप से पता चल सके। अभी भी बहुत सी बातें हवा-हवाई में ही चल रही हैं और टीम लीडर अपने आप को पाक साफ बताने के साथ-साथ धमकी-चमकी देने पर भी उतर आए हैं।
नए-नए खुलासों के बीच यह भी जानकारी मिली है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़े कुछ मैदानी लोग जिन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह महिलाओं को समूह में एकत्रित कर उन्हें योजना का लाभ दिलाएं तथा लाभान्वित करने के लिए शासन से राशि मुहैया कराएं। यह ज्ञात हुआ है कि इनमें से कुछ ऐसे भी मैदानी कर्मचारी/अधिकारी हैं जिन्होंने आजीविका मिशन में सरकार से समूह की महिलाओं के लिए लोन निकलवाया लेकिन लोन की राशि को फ्लोरा मैक्स से ज्यादा लाभ मिलने की बात कह कर उस तरफ डायवर्ट करा दिया। सीधी सी बात है कि ऐसे सरकारी तंत्र से जुड़े कुछ लोगों ने फ्लोरा मैक्स के लिए एजेंट के तौर पर काम किया क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार की योजनाएं संचालित हैं और इनसे जुड़े लोगों पर बड़ी आसानी से महिलाओं को भरोसा भी हो जाता है।
जिला मुख्यालय से नजदीक रामपुर विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर आदिवासी महिलाएं जो पढ़ी-लिखी नहीं है, ऐसे लोगों को टारगेट में रखकर ठगी का शिकार बनाया गया है और ग्रामीण क्षेत्रों के थाना-चौकी में ना तो अभी तक कोई एफआईआर दर्ज हुआ है और ना ही किसी की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में कोरबा जिले में संचालित हो रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारी ने आज तक किन-किन महिलाओं के साथ में ठगी हुआ है,ना तो उन्होंने संज्ञान लिया और ना ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी ने संज्ञान लिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जो प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है, कोरबा में विफल होते हुए दिख रही है। अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं विश्वास करें तो करें किस पर? वैसे 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कोरबा दौरा की संभावना है और उनके समक्ष यह मुद्दा उठने की संभावना है। ऐसे में पुलिस-प्रशासन फ्लोरा मैक्स की समस्याओं को झेल पाएगा या नहीं, देखना होगा।
0 संपत्तियों की छानबीन व जप्ती जारी
इधर दूसरी तरफ फ़्लोरा मैक्स कंपनी से जुड़े कथित आरोपियों सहित उनके नाते-रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी पुलिस जुटा रही है। इसी कड़ी में कोरबा अंचल में रजगामार के क्षेत्रीय कार्यालय को सील कर दिया गया है। अब तक डायरेक्टर-कैशियर सहित टॉप लीडरों के अलावा एजेंटों से 14 चार पहिया वाहन जब्त हो चुके हैं जिसमें 2 कार, 2 मालवाहक ऑटो व 10 इको वाहन शामिल हैं। 40 दोपहिया वाहनों की भी जप्ती की जानकारी साझा की गई है।