कोरबा। आदिवासी समाज में सबसे ज्यादा महत्त्व और आस्था प्रकृति के प्रति होती है। प्रकृति द्वारा ही उनका जीवन यापन संभव है।
प्रकृति शक्ति ब़ूढादेव के पुजारी आदिवासी गोंड समाज का ग्राम बेला कछार (बालको) कोरबा में वार्षिक सम्मेलन 29 दिसंबर को हुआ। सुबह समाज के स्वजातीय बंधुओं के द्वारा भव्य शोभायात्रा प्रकृति शक्ति बूढ़ादेव की निकाली गई। शोभायात्रा के बाद प्रकृति शक्ति बूढ़ादेव की पूजा अर्चना समाज के सभी लोगों ने की।
मुख्य अतिथि श्रीमती जे बी कारपे ने कहा कि आदिवासी समाज बहुत सरल व सीधे प्रकृति शक्ति को पूजने वाला समाज है।
इसके पूर्व समाज के सभी लोगों ने इस अधिवेशन के मुख्य अतिथि का जोरदार स्वागत बाजे-गाजे के साथ किया।
सम्मेलन में जय सेवा जय बूढ़ादेव के जयकारों से आकर्षक आदिवासी वेशभूषा में नृत्य करते हुए अतिथियों को सभा तक लाया। मुख्य अतिथि श्रीमती जे बी कारपे द्वारा प्रकृति शक्ति बूढ़ादेव की पूजा अर्चना किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दानिक राम मरावी ने की। विशेष तौर पर एम सिंह कुशरो, पार्वती नेताम, सरस्वती छेदेया, संतोष गोंड, महादेव नेताम, सुख राम नेताम, जेठिया, पवन मरकाम, केजा राम मरकाम, शशि किरण, पिंटू जगत, परमानंद टेकम, हरीश मरावी, किरण गोंड, हेमलता, प्रियंका, अंजनी, अनीता, राधा, तमन्ना, अवनी, दुर्गा, दिज्ञासा, राजू, शिव पोर्ते सहित इस सम्मेलन में समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।