0 गलत जांच करने वालों के हाथ-पांव फूलने लगे
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के अवर सचिव आरके शर्मा द्वारा जारी आदेश उपरांत श्रीमती निहारिका बारिक प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग व महादेव कावरे आयुक्त बिलासपुर संभाग के निर्देश पर रजगामार पंचायत के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में आज सोमवार को डिप्टी कमिश्नर बिलासपुर सम्भाग संतोष सिंह ठाकुर कोरबा पहुंचे। उन्होंने कोरबा जनपद कार्यालय में पहुंचकर रजगामार पंचायत के मामले के दस्तावेजों की छानबीन शुरू की। शासन के आदेश पर जांच शुरू होते ही इस मामले में सरपंच को सुने बगैर गलत जांच करने वालों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। हालांकि अब चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाने से जांच रोकनी पड़ सकती है।
बताते चलें कि पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आयुक्त बिलासपुर संभाग को ग्राम पंचायत रजगामार में की जा रही गलत कार्यवाही को तत्काल रोकने के संबंध में राज्य स्तरीय टीम से जाँच कराने का निर्देश दिया है।
महिला आदिवासी सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार रामूला राठिया को उच्च न्यायालय बिलासपुर से राहत दिया गया है। आरोप है कि उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध जाकर ग्राम पंचायत रजगामार का गलत जाँच कर अनावश्यक परेशान कर प्रताड़ित किया जा रहा है जिसके संबंध में ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पंचायत मंत्री विजय शर्मा सहित मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारिक को पत्र लिखकर उनसे भेट कर अवगत कराया।
इन्हें बताया गया कि रजगामार की सरपंच आदिवासी महिला है जिन्होंने 15वे वित्त आयोग मद से कार्य कराया है जिसका कई कार्यो का मूल्यांकन और सत्यापन कर राशि भुगतान कराया गया है परन्तु उपसरपंच की शिकायत पर दबाव बनाकर आदिवासी सरपंच को जानबूझ कर परेशान करने के लिए काम हो रहा है।
सरपंच के द्वारा जो कार्य 15 वे वित्त मद से कराया गया है, उसका जाँच नहीं किया जाना और सम्पूर्ण राशि को वसूली मानकर कलेक्टर के निर्देश पर सरपंच के विरुद्ध गलत कार्यवाही की जा रही है जिसको तत्काल रोक लगाने और राज्य स्तरीय टीम से जाँच करने की मांग किया गया है।