0 सामाजिक अंकेक्षण अधिरोपित राशि वसूली के दायरे में बांगो सरपंच
0 बार महोत्सव के नाम पर राशि आहरण अब तक नहीं हो पाई जमा
कोरबा। पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में ग्राम पंचायत बांगो की सरपंच और सरपंच पति के प्रति शिकायत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्तमान में पंचायत चुनाव 2025 की नामांकन प्रक्रिया जारी है और दूसरी तरफ शिकायत भी जारी है। अनेकों बार पंचों के द्वारा अधिकारी से लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत पत्र भेजा जा चुका है फ़िर भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। सरपंच द्वारा वित्तीय राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर बिना प्रस्ताव के निर्माण कार्य कर दिया गया है जो केवल रजिस्टर में अंकित रह गया परन्तु वास्तव लनिर्माण कार्य नहीं हुआ है। यही कारण है कि शासकीय उचित मूल्य दुकान जिसका 16 लाख़ रुपए आबंटित हुआ था जिसमे 12 लाख सरपंच द्वारा राशि आहरण कर लिया गया लेकिन भवन निर्माण कार्य अभी तक अपूर्ण रहा है। अधूरा सोसायटी भवन जर्जर हो गया है जिसमें फ़िर से लीपा पोती का कार्य किया जा रहा है ताकि सरपंच के ऊपर कोई आपत्ति ना आए जिसमें सम्बंधित अधिकारी भी मौन हैं, ऐसा लगता है जो कि जर्जर भवन को लेंटर में तब्दील करने में लगे हैं। वित्तीय सत्र 2020 से 2023 तक पंचो द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया था जिसमें सरपंच , सचिव, और सरपंच पति के कई भ्रष्टाचार का खुलासा तो हुआ लेकिन विकास खण्ड से आए निरीक्षण अधिकारियों द्वारा मामला को दबाया गया और मात्र 20 हज़ार रुपए को रिकवरी में लिए तथा 65 हज़ार रुपए जो कि बार महोत्सव के नाम पर फर्जी भुगतान किया गया था, जिसका शिकायत कर्ता द्वारा आपत्ति लगाया गया, जिसको अभी तक सरपंच द्वारा भुगतान नहीं किया गया है क्योंकि अधिकारियों की संरक्षण मिलना प्रतीत होता है। इसी प्रकार से अनेकों बार सरपंच द्वारा फर्जी आहरण किया गया हैं जिस पर आपत्ति लगाया गया है।
यही नहीं वर्ष 2011 से 2015 तक किसी भी प्रकार का कोई रिकार्ड पंचायत में उपलब्ध नहीं हैं जो सरकारी संपत्ति के गबन की श्रेणी में आता है। फ़िर विभाग द्वारा आंख बन्द रखा गया है, उस पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है। अभी तक पंचायत का 3 बार भौतिक सत्यापन किया जा चुका है लेकिन पंचायत को सत्यापन प्रतिवेदन अप्राप्त हैं। अब पंचायत चुनाव के लिये नामांकन भरा ज़ाना है और पंचों ने फ़िर से सरपंच और सरपंच पति के खिलाफ रिटर्निग अधिकारी को शिकायत किया है कि दोनों के नामांकन को शून्य घोषित किया जाय। फ़िर भी सरपंच को मुक्त करके अदेय प्रमाण पत्र दिया जा रहा जिससे साफ नजर आता है कि इस भ्रष्टाचार के मामले में सम्बन्धित अधिकारी शामिल हैं l