0 कल ही शासन ने कहा- सडक़ें चलने के लिए है, इवेंट के लिए नहीं
0 सड़क पर आयोजन को लेकर हाईकोर्ट भी सख्त
कोरबा। सड़क चलने के लिए है किसी इवेंट के लिए नहीं…..। इस निर्देश को जारी हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते होंगे कि उल्लंघन जारी है। आम आदमी के लिए जारी किए गए निर्देश का पालन सुनिश्चित करने निर्देशित कर दिया गया है लेकिन उन्हीं आम आदमियों से चुने गए खास लोग इसका उल्लंघन करने तत्पर हैं।
हाईकोर्ट की नाराजगी और छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जारी निर्देश को धता बताते हुए बांकी मोंगरा नगर पालिका परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष से लेकर 30 पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी बीच सड़क तक हो रही है। बजरंग चौक को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन स्थल निर्धारित किया गया है। यहां पर 2 मार्च रविवार को दोपहर 3 बजे शपथ कार्यक्रम निर्धारित किया गया है जहां मुख्य अतिथि सहित आमंत्रित अतिथियों के अलावा नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के परिजन, बड़ी संख्या में नगरवासियों की मौजूदगी में कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में आने वालों की संख्या सैकड़े से लेकर 1000 तक हो सकती है। बजरंग चौक बांकीमोगरा नगर का मुख्य चौक है और तीनों तरफ से आवाजाही निरंतर बनी रहती है। पास में ही डेली मार्केट होने के साथ-साथ 24 घंटे आवागमन बना रहता है। इस व्यस्त सड़क पर बीच रास्ते तक खंबे गाड़कर, स्टॉल लगाकर मंच तैयार कराया जा रहा है। सड़क के किनारे से लेकर सड़क के बीच तक तैयार होने वाले पंडाल की विशालता अपनी जगह है लेकिन इसकी वजह से आम जनता को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।
यह तकलीफ आज सुबह से शुरू हो चुकी है जो 2 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह के बाद पंडाल उजाड़ने तक जारी रहेगी। स्थानीय लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि एक ओर जहां हाई कोर्ट सड़क पर आवागमन में बाधा उत्पन्न करने वालों को लेकर स्वयं संज्ञानपूर्वक सख्ती दिख रहा है तो दूसरी तरफ शासन के मुख्य सचिव इस पर निर्देश जारी कर रहे हैं कि सड़क पर किसी तरह का आयोजन नहीं होना है, यदि कोई करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि बांकीमोगरा नगर पंचायत का शपथ समारोह आसपास स्थित अनेक खाली पड़े मैदान/भवन में न कराया जाकर व्यस्त बीच सड़क पर क्यों कराया जा रहा है? क्या आम जनता की तकलीफों से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को परवाह नहीं? क्या शासन के मुख्य सचिव के आदेश का पालन करने-कराने की जिम्मेदारी नगर पंचायत के सीएमओ से लेकर स्थानीय पुलिस और अनुविभागीय अधिकारी भी जरूरी नहीं समझते? क्या इस तरह से सड़क पर पंडाल लगाकर शपथ समारोह की तैयारी करने वालों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी? समय रहते शपथ समारोह का आयोजन स्थल बदलने की जरूरत लोगों ने बताई है।
अधिवक्ता अमित सिन्हा ने भी इसे गलत करार दिया है
0 क्या कहा गया है मुख्य सचिव के निर्देश में
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने एक हाई प्रोफाइल बैठक में अधिकारियों को इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों से साफ कहा है कि सडक़ चलने के लिए है, किसी तरह का इवेंट करने के लिए नहीं, जो भी इस तरह की हरकतों से ट्रैफिक को बाधित करेगा उसके खिलाफ अलग-अलग एक्ट के तहत कार्रवाई करिए। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मुख्य समिति कक्ष में शुक्रवार को ये मीटिंग बुलाई। इस बैठक में मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, रायपुर एवं बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर-बिलासपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, परिवहन, नगरीय प्रशासन, विधि विभाग के अफसर थे।
इसके बाद मीटिंग में सडक़ों पर जन्मदिन मनाने, पंडाल लगाने, भंडारा आयोजित करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बात तय की गई। बैठक में अफसरों से कह दिया गया कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो, यदि सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि ऐसे लोगों पर एंटी-एंक्रोचमेंट एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट, नगर पालिका अधिनियम और दूसरी धाराओं में भारतीय न्याय संहिता के तहत स्नढ्ढक्र करिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, जन्मदिन, पार्टी या अन्य कोई भी निजी कार्यक्रम सार्वजनिक सडक़ों पर आयोजित करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए।
बैठक में मुख्य सचिव जैन ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे किसी भी अवैध आयोजन को तुरंत रोकें और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें। एसओपी तैयार करने के निर्देश भी उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिए। लोगों के बीच जाकर उन्हें अवेयर करते हुए ये बता दीजिए कि सार्वजनिक मार्गों पर अवैध आयोजन पूरी तरह प्रतिबंधित है।
मुख्य सचिव ने बैठक में ये भी साफ कह दिया कि कहीं घटना दोबारा हुई तो कार्रवाई वहां के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर होगी। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष सतर्कता दल (विजिलेंस टीम) गठित करें, जो ऐसी घटनाओं पर नजर रखेंगे और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
0 विधायक पर हो चुकी है एफआईआर
कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को करीब 7 महीने बाद मिली रिहाई का सडक़ पर जश्न मनाया गया। इस जश्न के बाद लंबा ट्रैफिक जाम हो गया। इस पर गंज पुलिस ने देवेंद्र यादव, सुबोध हरितवाल, आकाश शर्मा समेत 13 लोगों के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज की है।
एफआईआर के मुताबिक, देवेंद्र यादव के जेल परिसर से बाहर आने के बाद ये सभी नेता 500 से 600 की संख्या में सडक़ पर जमा हो गए। जेल गेट के ठीक सामने कई गाडिय़ां खड़ी कर दी गईं, जिससे पूरी सडक़ जाम हो गई। चेतावनी दिए जाने के बावजूद किसी ने नहीं सुनी। कई यात्री बसें, आम लोग और एम्बुलेंस भी जाम में फंसी रहीं