मंत्री लखनलाल देवांगन- हमें तो अपनों ने लूटा,गैरों में कहां दम था
पूर्व् मंत्री जयसिंह अग्रवाल- सारा शहर मुझे लॉयन के नाम से जानता है
महापौर संजू देवी राजपूत- ऊपर वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के
सभापति नूतन सिंह ठाकुर- मुकद्दर का सिकन्दर
पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल- दिल के अरमां आसुओं में बह गए
पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश राठौर – रुको जरा, सबर करो
अशोक चावलानी- बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से लौटे…
जोगेश लाम्बा- लम्बी रेस का घोड़ा
कलेक्टर अजीत वसन्त- ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर
एसपी सिद्धार्थ तिवारी- हम जहां से खड़े हों, लाइन वहीं से शुरू
आयुक्त आशुतोष पांडेय- जमीं पर सितारे सजाऊंगा, कोरबा को सुंदर बनाऊंगा
0 कलम के धुरंधर 0
विश्वनाथ केडिया- तोल-मोल के बोल रे भाई…
गेंदलाल शुक्ल- जमाना हमसे है, हम जमाने से नहीं
लक्ष्मीकांत जोशी- तुम्हारी भी जै-जै, हमारी भी जै-जै
वेद प्रकाश मित्तल- उम्र पे मत जाओ,दिल अब भी जवां
विजय खेत्रपाल- बुड्ढा होगा तेरा बाप
कमलेश यादव- मैं शायर बदनाम
जयप्रकाश टमकोरिया- एवरग्रीन
मनोज शर्मा- नमक इश्क का
नरेन्द्र मेहता- खटिया खड़ी करके छोडूंगा
हरीराम चौरसिया- चांद का आशिक
राकेश श्रीवास्तव- गांव भर के सरपंच
राजेन्द्र जायसवाल- यहां के हम हैं राजकुमार
नौशाद खान- बाबू रंग रसिया
देवेन्द्र गुप्ता- गुरू गुड़, चेला शक्कर हो गया
राजेश कुमार (पत्रिका)- दिल्लगी न करना दिल लगाने में
रफीक मेमन- बेताज बादशाह
रंजन प्रसाद- तोर मया के मारे
सुखसागर मन्नेवार- फेयर एंड लवली पर केस करूंगा
श्रवण साहू – जितना ऊपर-उतना अंदर
प्रकाश साहू – सबकी कुंडली इनके पास
सुरेश देवांगन- बहुत कूद-फांद लिया रे भैया
प्रदीप बरमैया- मासूमियत के पीछे गहरे राज
राजेश मिश्रा- जंगल का बादशाह
रामेश्वर ठाकुर- मोर संग चलव संगी
राजेंद्र दास- ना ऊधो का लेना-ना माधो को देना
अजय टमकोरिया – छोटे मियां सुभान अल्लाह
शमी ईमाम- रायपुर से कोरबा की निगहबानी
ई. जयंत- पूछो तो ठीक, वरना अपने में मस्त
विवेक शर्मा – छूना मत, मुझमें करंट है
वैभव शर्मा – विक्क्ट मिठलबरा
तरूण मिश्रा – मुझको भी तू लिफ्ट करा दे
रमेश राठौर – नदिया के पार का अनुभवी आदमी
राजेश मिश्रा मिट्टू- मन का तोता बोले राम-राम
अरविन्द पाण्डेय – बातों का महाराज
विजय दुबे – घाट-घाट का पानी पी रहे
दादू मनहर – जमाना खराब है
प्रीतम जायसवाल- तेरी याद दिल से भुलाने चला
हीरा राठौर – दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
कैलाश यादव -ढलती उम्र का नौजवान
हरीश तिवारी – एक तिवारी-सब पर भारी
धीरज दुबे – दुनियादारी अपने ठेंगे पर
गयानाथ मौर्य – प्रेम पुजारी
अश्वनी मिश्रा – आतिशबाज
विकास पांडेय- कल्पनाशील व्यक्ति
नागेन्द्र-दिनेश उर्फ (जय-वीरू) – गब्बर की तलाश में
नवाब खान – छोटा बच्चा जान के न कोई आंख दिखाना रे…
ईश्वर चन्द्रा- दिखे भर में सिधवा
रघुनंदन सोनी – भाग-दौड़ भरी जिन्दगी
योगेन्द्र लहरे( सिप्पू)- ए दारी नई छोड़व भईया
समीर गुप्ता- किस्मत की चकरघिन्नी
विजय सिंह चुटली – गोलमाल है-सब गोलमाल
भुवनेश्वर महतो – छोटा पैकेट बड़ा धमाका
विक्की निर्मलकर – प्रीत न जाने रीत
मनोज यादव – आवारा हवा का झोंका हूं
पवन तिवारी – मूछों में लटका दूँगा
जितेंद्र हथठेल- कथरी ओढ़कर घी पी रहा
(किसी को ठेस पहुंची हो तो 9151305911 पर नाराजगी जाहिर करने स्वागत है)