0 बसने लायक ठोस जमीन बनाए बिना ही रहने का दबाव बनाता रहा प्रबंधन
कोरबा। SECL अपनी नाकामियों और लापरवाहियों को छुपाने के लिए किस कदर लोगों की जान को मुसीबत में डालने के लिए तत्पर था, यह बारिश में उजागर हो गया है।जमीन को बसाने लायक, निर्माण के लायक ठोस कराए बगैर ही ऊपरी- ऊपरी समतलीकरण कार्य करवा कर इसे ग्रामीणों को बसाहट के लिए देने की योजना थी। भरी बरसात में यह जमीन जगह-जगह से कटने के साथ ही बह रही है और मलबा सर्वमङ्गला- कनकी मार्ग पर जाम हो रहा है। इस बरसात ने कुसमुण्डा प्रबन्धन की करतूत की पोल खोल कर रख दी। भूविस्थापित ईश्वर को धन्यवाद दे रहे हैं कि उसने उनकी जिंदगी और मकान इस बसाहट स्थल पर तबाह होने से बचा लिया।
दरअसल, यह जो नजारा आप देख रहे हैं, यह SECL की कुसमुंडा परियोजना के विस्तार से प्रभावित और अधिग्रहित ग्राम जटराज, चंद्र नगर के निवासियों को बसने के लिए उपलब्ध कराई गई है। इस चन्द्र नगर मॉडल बसाहट स्थल में एसईसीएल के कुसमुंडा प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा बिना सर्वसुविधायुक्त बसाहट दिए ही परिसम्पतियों का सर्वे एवं विस्थापन के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
प्रबंधन द्वारा खदान विस्तार के लिए बिना बसाहट दिए ही जब ग्रामवासियों के घरों को तोड़ने की कार्रवाई प्रारंभ की गई तो उन्होंने विरोध जताया। इस विरोध के बाद आनन-फानन में SECL प्रबंधन ने उक्त प्रस्तावित बसाहट स्थल पर काम करना शुरू किया। जिला प्रशासन ने उन्हें भूविस्थापितों को बसाहट देने के बाद ही विस्थापति करने की हिदायत दी। जिला प्रशासन की आंखों में कहीं ना कहीं धूल झोंकने का काम SECL ने किया और यह बताया कि बसाहट स्थल जल्द ही तैयार कर दे दिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद जटराज को प्रबंधन ने विस्थापित करना शुरू कर दिया।
इधर, दूसरी ओर ग्रामवासी बसाहट स्थल पर अपना आशियाना बनाकर रह पाते, कि तमाम घटनाक्रमों के बीच बारिश भी शुरू हो गई। बारिश के इस मौसम में बसाहट स्थल की पोल खुलती नजर आई है।
यह नजारा दिखाते हुए गांव के एक भूविस्थापित ने वीडियो साझा किया है। जमीन कट-कट कर मिट्टी का मलबा मार्ग पर जमा हो रहा है। आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों के पहिए मिट्टी से निर्मित कीचड़ में फंसने के साथ ही सूखे मौसम में धूल उड़ने की भी समस्या पेश आएगी। SECL द्वारा बिना सुरक्षा उपायों के बसाहट स्थल तैयार करने का यह दुष्परिणाम है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी बला टालने व प्रबन्धन की गुडविल में शामिल होने के लिए काफी कुछ चीजों को छुपा कर आधी-अधूरी तैयारी कर भूविस्थापितों को यहां बसाहट देने प्रयासरत है।
