कोरबा-कटघोरा। नगर पालिका, कटघोरा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 15 की एक तथाकथित सरकारी जमीन को लेकर काफी उथल-पुथल मची हुई है। पालिका क्षेत्र में इस लगानी किन्तु कथित सरकारी जमीन को लेकर चले आ रहे विवाद और शिकवा-शिकायतों के दौर के बीच यह बात भी निकल कर सामने आ रही है की झूठी शिकायत पुरानी रंजिश को भुनाने के लिए की गई है। हालांकि मामला जांच के दायरे में है किंतु दो पक्षों के मध्य चली आ रही खींचतान से पालिका क्षेत्र व सोशल मीडिया में माहौल गर्माया हुआ है।
नगर पालिका के वार्ड 15 में स्थित खसरा नम्बर 71/1 व 71/2 रकबा क्रमशः 0.22 डिसमिल तथा 0.90 डिसमिल का पंजीयन पिछले वर्ष अनिल अग्रवाल एवं चंदन बघेल द्वारा विधिवत कराया गया है। पंजीकृत भूमि गड्ढा होने के कारण राखड़ पटाई कर भूमि समतल कराने का आवेदन पर्यावरण विभाग को किया गया था,पर्यावरण विभाग ने जांच पड़ताल कर भूमि का अवलोकन करते हुए सही पाए जाने पर राखड़ पाटकर समतल करने की अनुमति निविदा प्राप्त संबंधित ठेकेदार को दी और जिसने पाटने का काम प्रारंभ किया था। राखड़ पाटने का कार्य लगानी जमीन पर ही किया जा रहा था, किसी प्रकार की शासकीय भूमि पर नहीं। इस दावे की बावजूद शासकीय भूमि पर बेखौफ अतिक्रमण किए जाने की शिकायत की गई है जिसे लेकर चर्चा है और यह झूठी बताई जा रही है। बताया गया कि आधी-अधूरी जानकारी रखने वाले पूर्व में भी किसी विशेष उद्देश्य से लगातार शिकायत करते चले आ रहे हैं। शिकायत पर तहसीलदार पोड़ी उपरोड़ा द्वारा भूस्वामियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया ,जवाब के साथ नगर पालिका का अनापत्ति और पर्यावरण विभाग की अनुमति संलग्न किया गया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि वर्तमान शिकायतकर्ता व्यक्तिगत दुश्मनी भुनाने इस तरह की शिकायत कर भूस्वामियों की छवि धूमिल करना चाहता है। इसका अंदाजा शिकायतकर्ता पूर्व पार्षद शरद गोयल के फेसबुक स्टेटस को देखकर लगाया जा सकता है, जो उन्होंने साझा किया है। भूस्वामियों ने बताया कि शरद गोयल की इनसे कोई बड़ी रंजिश नहीं है, बस इतना ही है कि पिछले दशहरा के सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच से एक कांग्रेसी नेता ने उतारा था और गाली-गलौज किया गया था किंतु इसका विरोध उपस्थित लोगों ने नहीं किया और न ही बीच बचाव। बदला इसी बात का झूठी शिकायत कर निकाले जाने की बात कही गई है।



