0 कोरबा रेंजर और खुद को बचाने में जुटे वन अधिकारी, सभापति को भी गुमराह कर रहे
0 जांच तिथि के एक दिन मिला उपस्थित होने का पत्र मिला शिकायतकर्ता को
कोरबा। कोरबा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले कोरबा रेंज के नकटीखार से लगे इलाके में कैंपा मद से कराए गए तालाब का निर्माण में बड़ी धांधली का मामला जोर शोर से उछला। विभिन्न माध्यमों से यह मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत सदस्य और वन विभाग की सभापति सावित्री अजय कंवर ने संज्ञान लेते हुए जांच हेतु कलेक्टर एवं वन मंडल अधिकारी को पत्र लिखा। जून माह में लिखे गए इस पत्र पर जांच की तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई लेकिन उपस्थित होने संबंधी पत्र सभापति को 16 सितंबर को प्राप्त हुआ। 8 सितंबर को जारी यह पत्र सभापति तक पहुंचने में 9 दिन लग गए जबकि सोशल मीडिया के जमाने में महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान काफी आसान हो गया है। सभापति श्रीमती कंवर ने कहा है कि वन विभाग के अधिकारी रेंजर को बचाने में जुटे हुए हैं और भ्रष्ट कारनामे को उजागर होने से बचाने के लिए कहीं ना कहीं जांच में लीपा पोती का अंदेशा है, उनकी उपस्थिति न होने पाए इसलिए पत्र एक दिन बाद उन तक पहुंचाया गया।
बता दें कि कोरबा रेंज में तालाब घोटाले का यह मामला रेंजर मृत्युंजय शर्मा से जुड़ा हुआ है जिनके देखरेख में तीन अलग-अलग तालाब निर्मित कराए गए और शिकायत है कि इसमें लाखों का घोटाला हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले मृत्युंजय शर्मा कटघोरा वनमण्डल के बांकीमोगरा बांस रोपड़ी में 550 नग बांस के हरे-भरे वृक्षों की कटाई के मामले में सुर्खियों में आए थे जिन पर उनके अधीनस्थ बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे ने ही मामला दर्ज किया था और यह प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा। इसके पश्चात बागवानी मिशन में भी मृत्युंजय शर्मा पर एक करोड़ से अधिक की रिकवरी निकाली गई और उनका कार्यकाल विवादित रहा। पाली रेंज में पदस्थ रहने के दौरान जंगल क्षेत्र में कराए जाने वाले सड़क व अन्य निर्माण कार्यों में भी इनकी भूमिका संदिग्ध रही और वर्तमान में जब वे कोरबा रेंज में पदस्थ हैं, तब भी संरक्षण में इनके भ्रष्टाचार व कारगुजारियों की गूंज हो रही है।
0 कलेक्टर से की गई यह मांग

जिला पंचायत कोरबा में सभापति(वन विभाग) श्रीमती सावित्री अजय कंवर ने कहा है कि कोरबा जिले के कोरबा वन मंडल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के माध्यम से तालाब निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया। वन परिक्षेत्र कोरबा के अंतर्गत ग्राम पंचायत नकटीखार में बांस बाड़ी के पीछे और मेडिकल कॉलेज झगरहा के सामने तालाब का निर्माण वन परिक्षेत्र अधिकारी कोरबा के द्वारा कराया गया है। 23 लाख 55 हजार 625 रुपए की लागत से वर्ष-2024-25 में निर्मित कराये गये इन तालाबों में भारी भ्रष्टाचार की जानकारी प्रसारित समाचारों के माध्यम से मुझे प्राप्त हुई है। पूर्व में भी वन विभाग के भ्रष्टाचार सामने आते रहे हैं। ज्ञात हुआ है कि नकटीखार में पूर्व निर्मित नाला का उपयोग करते हुए उसे तालाब में तब्दील कर बमुश्किल 5 से 6 लाख रुपए खर्च कराया गया और शेष राशि की बंदरबांट कर ली गयी है। सभापति ने कहा है कि कोरबा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में स्वीकृत व निर्मित तालाबों के भ्रष्टाचार के संबंध में यथोचित जांच पृथक टीम से कराई जावे एवं पूरी जांच और पाये गये तथ्यों से मुझे भी अवगत कराते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने की कृपा करेंगे।