0 एंटी-कॉम्बसी के कारण मिली दुलेश्वरी सिदार को पार्टी की टिकट
कोरबा। पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने इस बार निवर्तमान विधायक मोहित राम केरकेट्टा की टिकट काटकर जनपद पंचायत पाली की जनपद अध्यक्ष श्रीमती दुलेश्वरी सिदार को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले इस विधानसभा में विधायक श्री केरकेट्टा के खिलाफ कार्यकर्ता जनता में काफी नाराजगी और असंतोष से एंटी कॉम्बसी को देखते हुए पार्टी ने प्रत्याशी बदलाव करते हुए स्वच्छ, निर्विवाद छवि की महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
पाली तानाखार विधानसभा से कांग्रेस ने इस विधान सभा चुनाव मे मौजूदा विधायक श्री केरकेट्टा का टिकट काट दिया. श्री केरकेट्टा नाराज हैं और वह इन दिनों पार्टी के शीर्ष नेताओं को जमकर कोस रहे हैं. उल्लेखनीय कि यह वही नेता है जिन्होंने श्री केरकेट्टा को 5 साल पहले टिकट देकर रंक से राजा बनाया था. इस 5 साल में यही राजा पाली तानाखार की जनता पर राज करते हुए उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाई और कार्यकर्ताओं को भी दरकिनार कर केवल अपनी झोली भरने और अपने चंद समर्थकों को लाभान्वित करने के अलावा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत ने क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं की मांग पर यथा संभव विकास कार्यों की झड़ी लगाई. श्री केरकेट्टा को इन पांच सालों में पार्टी ने काफी मान सम्मान दिया. इन्हीं दिग्गज नेताओं के आशीर्वाद से श्री केरकेट्टा मुख्यमंत्री अधोसंरचना प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और मरवाही गौरेला आदिवासी विकास परियोजना के अध्यक्ष बनाए गए. इन पांच सालों में विधायक के ऊपर हमेशा से आम जनता, संगठन, कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखने के आरोप लगे. संगठन को दरकिनार कर एकला चलो की नीति अपनाई तो गाहे बगाहे इन पर अपने नुमाइंदो के माध्यम से वसूली के आरोप लगते रहे हैं. जिसका कई वीडियो इन दिनों वायरल भी हो रहा है.
0 कई कारणों से रहे सुर्खियों में
इससे पहले भी विधायक कई कारणों से सुर्खियों में रहे. कभी अपने विधायक प्रतिनिधियों को उगाही का आरोप लगाकर हटा दिए बाद में उन्हीं को पुन: प्रतिनिधि बना दिया. भाजपा के कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर कर स्थानीय कार्यकर्ताओं की अपेक्षा की। आम जनता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बानगी इसी से समझी जा सकती है कि उनके खुद क्षेत्र में कार्यक्रमों में उन्हें अतिथि के तौर पर नहीं बुलाया जाता. पाली विख के उनके गृह ग्राम पौलमी,सिल्ली, पौड़ी क्षेत्र की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गुंजन नाला पर महज तीन पिलर के पुल के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ा. उनकी सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके क्षेत्र की जनता अब तक मुआवजा के लिए भटक रही है. सरइपाली परियोजना,अंबिका,चोटिया परियोजना हो या हाथी प्रभावित क्षेत्र ग्रामीण जनता समस्याओ को लेकर आज भी पिसती रही है. बिजली कटौती विगत 5 वर्ष में काफी बढ़ गई,झूठी घोषणाओं की बाढ़,काम दिलाने और अपने मद के कार्यो के बदले कमिशनखोरी, जनसंपर्क अथवा स्वेच्छा अनुदान की राशि के वितरण को लेकर भी उन पर गंभीर आरोप लगे हैं.यह कहना गलत होगा कि विधायक श्री केरकेट्टा क्षेत्र के दौरे नहीं करते हैं. उन पर आरोप लगता है कि वह वर्ग विशेष के लोगों से जाकर मिलते हैं और क्षेत्र में धर्मांतरण को अघोषित समर्थन करते हैं. विभिन्न सर्वे में भी विधायक श्री केरकेट्टा के खिलाफ नाराजगी की बात सामने आई थी.
0 प्रदेश प्रभारी के सामने भी जताई नाराजगी
गत दिनों कोरबा प्रवास पर प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के सामने भी विधानसभा के तीनों ब्लॉक के अध्यक्षों और सरपंचों ने विधायक के खिलाफ खुलकर शिकायत की थी और पार्टी को उनके टिकट दिए जाने पर नुकसान की बात सामने रखी. इन सब कारणों से विधायक श्री केरकेट्टा की टिकट कटना तय माना जा रहा था और अंततः उनकी टिकट कट गई है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उनके द्वारा अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. जो उनके राजनैतिक भविष्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में इनकी रणनीति पर सबकी नजरे टिकी हुई है.