0 दावा-कोरबा जिले में 69 हजार 996 प्रकरणों पर की गई कार्यवाही
0 मैदानी अमला दे रहा गलत जानकारी,आखिर क्यों
कोरबा। जिले में विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत आदर्श आचार संहिता का पालन करने के लिए जहां कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कुमार के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं वहीं संपत्ति विरूपण के मामले में आज तक कार्रवाई कई स्थानों पर आधी-अधूरी ही दिख रही है। मैदानी अमले के द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण निर्वाचन आयोग के निर्देशों का संपत्ति विरूपण के मामले में क्रियान्वयन आधा-अधूरा ही नजर आ रहा है।
पिछले दिनों यह मामला सामने लाए जाने के बाद इस पर थोड़ा बहुत संज्ञान लिया गया और कुछ स्थानों पर पार्षदों के नाम पट्टिका में लीपापोती की गई।
यह बताने का प्रयास किया गया कि कार्रवाई की गई है लेकिन कल 26 अक्टूबर 2023 तक की स्थिति में भी सरकार की योजनाओं और वॉल राइटिंग स्टीकर, एवं नाम पट्टिका, दीवार लेखन पर सफेदी नहीं पोती गई और न ही इन्हें विलोपित किया गया है। गंभीर बात तो क्या है कि राजस्व मंत्री के वार्ड क्षेत्र में भी इसकी घोर अनदेखी हुई है और आज भी दीवारों पर चुनाव चिन्ह के साथ लिखे गए पुराने लेख पोते नहीं गए हैं।
संबंधित क्षेत्र के मैदानी अमले और दल निगरानी प्रभारी की लापरवाही के कारण यह सारा कुछ हो रहा है जिसकी जानकारी होने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरबा जिला और नगर निगम क्षेत्र में इसकी अनदेखी हुई है।
0 प्रशासन ने बताए आंकड़े
इस खबर के प्रसारण उपरांत प्रशासन द्वारा 22 अक्टूबर 2023 को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर, बैनर इत्यादि हटाने की कार्यवाही की गई हैं। सार्वजनिक संपत्तियों से 49093 और निजी संपत्तियों से 20903 प्रचार सामग्रियां हटाई गई हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टीम सक्रिय हुई और कार्यवाही को अंजाम दिया गया। एमसीसी के नोडल अधिकारी सेवाराम दीवान ने बताया कि सार्वजनिक संपत्ति अंतर्गत वॉल राइटिंग के 21733, पोस्टर के 14127 बैनर 6268 और अन्य 6965 कुल 49093 प्रकरण हटाए गए। इसी तरह निजी संपति विरूपण अंतर्गत वॉल राइटिंग के 12156 पोस्टर 3748, बैनर 2888 और अन्य 2111 कुल 20903 प्रकरण हटाए गए। यह आंकड़े सही होंगे,इस पर कोई सवाल नहीं लेकिन दूसरा पहलू भी सामने है जहां अमला पहुंचने के बाद भी आधा-अधूरा मिटा कर लौटा है। अब ये अमला सरकारी पेन्ट की बचत कर रहा है या फिर कामचोरी।