रायपुर/कोरबा। दक्षिण राज्य में चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट से टकराने को तैयार है। इससे तेज हवाओं और बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। चक्रवर्ती तूफान का असर छत्तीसगढ़ राज्य सहित कोरबा जिले में भी देखने को मिल रहा है। यहां आधी रात से बारिश शुरू हुई है जो थम-थम कर हो रही है। बारिश की वजह से सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ शीतलहर और ठंड में वृद्धि हुई है। ठंड के मौसम में बारिश से छाते भी घरों से बाहर निकल गए हैं वहीं गर्म कपड़ों की मांग बढ़ी है। बारिश के कारण किसानों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है जिन किसानों की फसल अभी खलिहान में मौजूद है। अधिकांश ऐसे किसान हैं जिनकी कटी हुई फसल खेत में ही पड़ी है और खलिहान व कोठार तक नहीं पहुंच सकी है ऐसे किसानों का धान पूरा-पूरा भीग चुका है। इन किसानों की मेहनत पर मौसम के बदलाव ने पानी फेर दिया है तो वह अब अपने धन को सूखने तक के इंतजार में चिंतित हैं। नई सरकार में बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर धान बेचने के इंतजार में लगे किसानों को मौसम ने झटका दिया है। धन उपार्जन केंद्रों में अभी ज्यादातर धान खरीदी नहीं होने के कारण धान का जमाव नहीं है लेकिन जितनी भी खरीदी हुई है उसे सुरक्षित रखने की कवायद हो रही है।
दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि इस तरह के मौसमी हालात आगामी चार-पांच दिनों तक बने रह सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो किसानों को और अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। सब्जी की फसले भी प्रभावित हुई हैं जिससे उनके दाम में तेजी आने की पूरी संभावना बनी हुई है। बदलते हुए मौसम में बच्चों और वृद्ध जनों के प्रति खास सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है, उन्हें स्वास्थ्यगत तकलीफें हो सकती हैं।
0 बर्फबारी के भी हालात,बढ़ेगी ठंड
मौसम में बदलाव से देश के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. कुछ मैदानी इलाकों में भी बारिश का अलर्ट है. जैसे- मध्य प्रदेश में तेज बारिश और ओलों की बौछारों से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. राजस्थान में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी है. पंजाब और हरियाणा में भी दो दिन पहले बारिश दस्तक दे चुकी है. इन सबके बीच दिल्ली से कड़ाके की ठंड नदारद है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ महीनों में सर्दियां कम पड़ेंगी यानी न्यूनतम तापमान औसत से ज्यादा रहेगा. IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि इस बार ठंड कम पड़ेगी. यानी इस साल दिसंबर से लेकर अगले साल फरवरी तक देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. हालांकि, कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम भी रह सकता है.
बता दें कि इस साल के अगस्त, सितंबर और नवंबर महीने 1901 के बाद से अब तक के सबसे गर्म रहे हैं. इस साल दिसंबर से अगले साल फरवरी के बीच, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है. बाकी देश में सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है. इन्हीं तीन महीनों में देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भागों में शीतलहर सामान्य से कम होने की संभावना है.