0 टीआई बनकर वसूली कर रहा था आरक्षक,पटवारी ने मांगा था 20 हजार रिश्वत
रायपुर/सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में एक ही दिन में दो बड़ी कार्रवाई की गई। जहां एक आरक्षक को टीआई बनकर वाहन चालकों से अवैध वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया वहीं नामान्तरण के मामले में 20 हजार की रिश्वत मांगने वाले पटवारी को ACB ने रंगे हाथ रिश्वत की रकम लेते गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के मुताबिक आरक्षक रजनीश लहरे वर्तमान में बिलासपुर पुलिस लाइन में पदस्थ है और हाल ही में उसकी ड्यूटी एक बंदी की सुरक्षा में बिलासपुर के अस्पताल में लगाई गई थी। उसकी लापरवाही के चलते वह बंदी अस्पताल से फरार हो गया। फरार बंदी की तलाश के नाम पर रजनीश लहरे सक्ती जिले के हसौद क्षेत्र पहुंचा, लेकिन वहां अपराधी को खोजने की बजाय उसने डभरा-चंद्रपुर मार्ग पर खुद को टीआई बताकर अवैध वसूली शुरू कर दी।
डभरा टीआई जब गश्त पर थे, तो उन्होंने देखा कि सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। पास जाकर जांच की तो पाया कि एक बोलेरो वाहन में बैठे तीन लोगों में से एक रजनीश लहरे खुद को टीआई बताकर वाहन चालकों से कागजात मांग रहा था और धमकाकर पैसे ऐंठ रहा था।
डभरा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरक्षक रजनीश लहरे और उसके साथी विक्की उर्फ छोटू दास को गिरफ्तार कर लिया। तीसरा आरोपी मौके से फरार हो गया। अवैध वसूली में प्रयुक्त बोलेरो वाहन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
0 रिकॉर्ड दुरुस्त करने पटवारी मांग रहा था रिश्वत
जानकारी के मुताबिक सक्ती जिले के ग्राम कैथा के निवासी व प्रार्थी रामशरण कश्यप ने ACB कार्यालय, बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर ग्राम कैथा में स्थित जमीन के बी-1 ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनके पिता का नाम दर्ज नहीं हो रहा था। इस त्रुटि को सुधारने के लिए रामशरण ने एसडीएम कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। एसडीएम कार्यालय ने इस मामले में तहसीलदार को रिकॉर्ड दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया। इसके बाद तहसीलदार ने मामले की जिम्मेदारी पटवारी पवन सिंह को सौंपी। जब रामशरण कश्यप ने पटवारी से संपर्क किया, तो पवन सिंह ने रिकॉर्ड सुधारने के एवज में 20 हजार की रिश्वत की मांग की। रामशरण ने इसकी शिकायत ACB से की थी।
शिकायत के सत्यापन के बाद 2 मई को ACB ने ट्रैप की योजना बनाई और रामशरण कश्यप से पटवारी को रिश्वत की राशि देने को कहा। जैसे ही पटवारी पवन सिंह ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, ACB की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पटवारी पवन सिंह को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 (संशोधित अधिनियम 2018) के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। आरोपी से पूछताछ जारी है और आगे की जांच में अन्य संलिप्त अधिकारियों की भूमिका भी खंगाली जा सकती है।



