कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन दिवस के अंतर्गत चल रहे समाधान शिविरों के दौरान कोरबा जिले की बांगो पंचायत में एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। पहले से विवादों में घिरे रोजगार सहायक मोहन दास को, जिनकी लगातार शिकायतों के बाद मानिकपुर पंचायत में अटैच किया गया था, अब एक बार फिर से उन्हीं के गृहग्राम बांगो पंचायत में ड्यूटी पर देखा गया। इस घटनाक्रम को लेकर पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों में आश्चर्य और नाराजगी का माहौल है।
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा 8 अप्रैल से शुरू किये गए सुशासन तिहार कार्यक्रम के तहत जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत भवन में भी समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में ग्रामीण अपनी व्यक्तिगत व सामूहिक समस्याओं को गुप्त पेटी में लिखकर जमा कर रहे हैं, जिन्हें बाद में संबंधित विभागों को भेजा जाएगा और समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
0 विवादित रोजगार सहायक की वापसी से उठा सवाल
बांगो पंचायत के ग्रामीणों के अनुसार, मोहन दास की कार्यशैली को लेकर पूर्व में कई बार शिकायतें की गई थीं, जिसके बाद उन्हें पंचायत से हटाकर मानिकपुर पंचायत में भेजा गया था। लेकिन सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर के दौरान वह पुनः बांगो पंचायत में ड्यूटी करते नजर आए। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखने को मिली। ग्रामीणों का कहना है कि जिस व्यक्ति पर पूर्व में पंचायत के कार्यों को लेकर सवाल उठे हैं, उसकी दोबारा उसी पंचायत में ड्यूटी लगाया जाना कहीं न कहीं पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
0 एक पंचायत, दो रोजगार सहायक – किसकी जवाबदेही?
हैरानी की बात यह भी है कि वर्तमान में रामकुमार नामक एक और रोजगार सहायक बांगो पंचायत में पदस्थ हैं, बावजूद इसके शिविर में डबल पोस्टिंग जैसी स्थिति पैदा की गई। इस विसंगति को लेकर ग्रामीणों ने आशंका जताई कि इससे न केवल जवाबदेही में भ्रम पैदा होगा बल्कि सुशासन की मंशा पर भी असर पड़ सकता है।
0 प्रशासन से निष्पक्षता की उम्मीद
ग्रामीणों का मानना है कि सुशासन तिहार जैसे गंभीर और संवेदनशील आयोजन में प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। ऐसे आयोजनों का उद्देश्य जनता का विश्वास जीतना और पारदर्शी शासन को बढ़ावा देना है, लेकिन यदि विवादों से घिरे कर्मचारियों को ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी जाएँ, तो इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठ सकते हैं।
0 जनपद अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि जनपद अधिकारी इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर रोजगार सहायक मोहन दास को पुनः मानिकपुर पंचायत भेजें और बांगो पंचायत में पहले से पदस्थ रोजगार सहायक के माध्यम से ही शिविर संचालन सुनिश्चित करें। साथ ही, भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति और ड्यूटी में पारदर्शिता रखें।