0 व्यवसायी ने खुद पकड़ा संदेही महिला को, गिरोह की cctv में पुष्टि
कोरबा। महाकुंभ के अवसर पर गंगा स्नान सहित अयोध्या व काशी विश्वनाथ का दर्शन करने गए कोरबा के सर्राफा व्यवसायी जगदीश सोनी चेन स्नेचिंग का शिकार हो गए।
काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश सिंह द्वार पर तीन तरफ से आने वाली अपार भीड़ के बीच अज्ञात शख्स ने उनके सिर पर टॉवल जैसा कुछ डाला और चंद सेकंड के भीतर लगभग पौने दो लाख कीमत का सोने का चैन झपटकर चुरा लिया गया। व्यापारी ने सजगता दिखाई और बड़ी ही तत्परता से पीछे मौजूद एक महिला को पकड़ लिया। उस महिला का पुरुष साथी वहां से भाग निकलने में सफल हो गया। भीड़ इतनी जबरदस्त थी कि एक-दूसरे की धक्का-मुक्की में वह महिला हाथ छुड़ाकर भागने में सफल हो गई। इस वक्त उस महिला को अपने परिजन के हवाले कर जगदीश सोनी घटना स्थल सिंह द्वार से चंद कदम दूर गली में मौजूद पुलिस चौकी में सूचना देने गए थे,तब पुलिस कर्मी ने उन्हें ही आरोपी को पकड़ लेने की नसीहत दी। श्री सोनी ने बताया कि संदेही महिला को पकड़ कर रखे हैं लेकिन जब परिजन के पास पहुंचे तो पता चला कि संदेही महिला भाग निकली।

इधर जगदीश सोनी घटना की लिखित शिकायत कर लौटे तब उन्हें भीड़ में एक संदिग्ध महिला नजर आई जो आरोपी महिला के आसपास साथ में दिखी थी। जगदीश सोनी ने बिना समय गवाए संदेही महिला को पकड़कर पुलिस चौकी पहुंचाया।
0 cctv में दिखा गिरोह
संदेही महिला को पुलिस रक्षा में ले लिया गया। जगदीश सोनी ने लिखित में अपनी शिकायत चौकी में दे दी लेकिन fir नहीं लिखी गई। श्री सोनी ने सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारी को घटना की जानकारी दी और फिर घटनाक्रम के बारे में बनारस के पुलिस कमिश्नर एवं एएसपी को अवगत कराया गया। बनारस के पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने इस बारे में संबंधित थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी से बात की। जगदीश सोनी के आग्रह एवं कमिश्नर के निर्देश बाद घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में श्री सोनी को ले जाकर फुटेज दिखाया गया जिसमें उक्त दोनों संदेही महिला नजर आई। देखा गया कि करीब 5-6 लोगों का गिरोह सिंह द्वार के आसपास छिनतई जैसी वारदात करने के लिए मौजूद था जिसमें पुरुष भी शामिल थे। बहरहाल जगदीश सोनी की रिपोर्ट पर लगभग 12 घंटे बाद रात करीब 12 बजे fir दर्ज करते हुए इसकी नकल उपलब्ध कराई गई। फुटेज में उक्त महिला की पहचान के बाद भी आरोपी के कॉलम में अज्ञात लिखा जाना पुलिस कार्रवाई को संदेहास्पद बनाता है। वहीं यदि उच्च अधिकारियों से संपर्क न साधा गया होता, उनका दबाव न होता तो इस मामले की चौकी में fir भी दर्ज नहीं होती।
0 रिपोर्ट के अभाव में वारदात के आंकड़े नगण्य :- जगदीश सोनी ने बताया कि काशी विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में इस तरह की वारदात कई बार घटित हो गई होगी। इन वारदातों को अधिकांश लोग अपने साथ अनहोनी, प्रभु की इच्छा मानकर और इस भीड़भाड़ में किस पुलिस के पास जाकर गुहार लगाएं, किस थाना-चौकी में रिपोर्ट लिखाकर पचड़े में फंसे, इससे बचने के लिए लोग रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते। अन्यथा इस तरह की छिनतई, पॉकेटमारी की कई शिकायत अब तक थाना-चौकी में दर्ज हो चुकी होती। घटनाक्रम के दौरान स्थानीय लोगों ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पुलिस यहां मौजूद रहती है लेकिन सुरक्षा के नाम पर जनता को किसी तरह की राहत नहीं मिल पाती। पुलिस सिर्फ भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में ही लगी रहती है, किसी तरह के अपराध की रोकथाम के लिए अथवा अपराध घटित होने पर तुरंत फौरी तौर पर अपराधी की धर पकड़ के लिए प्रयास किसी भी सूरत में काफी नजर नहीं आते।